आत्मा को क्रोध ही ज्यादा दूषित करता है :- मुनि जीतचन्द्रविजय
श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में पर्व पर्युषण आराधना
राजगढ़ (धार) 24 अगस्त 2022 श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वेतांबर पेढी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व की शुरुआत आज बुधवार को हुई। दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के अष्ठम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्री विजय ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न मुनिराज जीतचन्द्र विजयजी म.सा. ने अष्टान्हिका प्रवचन में कहा कि क्रोध, मान, माया, लोभ के चक्कर में व्यक्ति पुरे वर्ष कषायों के साथ अपना जीवन जीता है। आत्मा को क्रोध ही ज्यादा दूषित करता है।
पर्युषण प्रवचनमाला में उन्होंने कहा कि पर्युषण महापर्व के इन आठ दिनों में मानव मात्र को इन कषायों से दूर रहकर धर्म, ध्यान, तप, जप, पूजा, अर्चना करने का शास्त्रों में विधान बताया है। हम इन कषायों से पर्व के सिर्फ आठ दिन दूर ना रहे बल्कि हमेशा दूर रहने का प्रयास करें क्योंकि अन्ते मति सो गति यानि मनुष्य के जीवन में अन्त समय में जिस प्रकार की मति होगी उसी प्रकार उस जीव की गति हो जाती है। अतः हमें हमारी मति को हमेशा सही दिशा की और आगे बढ़ाना है। आज हमें संसार में माता-पिता, पुत्र, पत्नी, सुख-समृद्धि, धन-दौलत जो भी मिला है वह सब हमारे पूर्व जन्म के कर्मों के आधार पर ही मिला है।
इस अवसर पर वरिष्ठ साध्वी श्री संघवण श्रीजी म.सा. की शिष्या साध्वी श्री हर्षवर्धना श्रीजी म.सा. ने प्रवचन में कहा कि हम नित्य प्रतिदिन मंदिर में दर्शन वंदन पूजा हेतु जाते है पर हमने आज दिन तक ना तो प्रभु को पाया है और ना ही हम प्रभु को देख पाये हैं। जबतक हमारे अन्तर के भाव शुद्ध नहीं होगें तबतक हम प्रभु के परमात्म तत्व को प्राप्त नहीं कर पायेंगें । हमें मन में बसे हुए क्रोध, मान, माया, लोभ, इर्ष्या, अंहकार का त्याग नहीं करते है तबतक हमारी आत्मा 84 लाख जीव योनि में भटकने वाली है। शास्त्रकारों ने बताया हैं कि पर्युषण महापर्व आत्म शुद्धि का पर्व है इसी कारण इसे सभी पर्वो में महापर्व माना गया है।
अष्ठान्हिका प्रवचन पोथी व्होराने का लाभ भवरलालजी जोगाणी परिवार भीनमाल, प्रवचन पोथी की अष्टप्रकारी पूजा व पांच वासक्षेप पूजा का लाभ रमेशकुमारजी जैन बागरा वालों, प्रवचन में जिनेन्द्रकुमार मेघराजजी चम्पालालजी लोढ़ा ने प्रभावना का लाभ लिया।
तीर्थ में चातुर्मासार्थ विराजित मुनिराज श्री जीतचन्द्र विजयजी म.सा., वरिष्ठ साध्वी श्री किरणप्रभा श्रीजी म.सा., साध्वी श्री सद्गुणा श्रीजी म.सा., साध्वी श्री विमलयशा श्रीजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में पर्युषण महापर्व का आयोजन श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर हो रहा है। इस अवसर पर तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, ट्रस्टी शांतीलाल साकरिया, ट्रस्टी मेघराज जैन, वरिष्ठ समाजजन, ट्रस्ट के महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता, सहप्रबंधक प्रीतेश जैन एवं स्टाफगण उपस्थित थे ।
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