रजतचंद्र विजयजी के महामांगलिक में उमड़ा जनसमुह

 समाज सेवी प्रकाश मुथा को शासन रत्न सम्मान


महाड़ :-
परोपकार सम्राट आचार्य श्री  ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.द्वारा प्रदत्त ऋद्धि सिद्धि लब्धिवंत महामांगलिक का मंगलकारी आयोजन सानंद संपन्न हुआ। रक्षाबंधन के पर्व पर श्रावण की पूर्णिमा के शुभदिन परम पूज्य मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी म.सा.के श्री मुखारबिंद से महामांगलिक हुआ।  

निकला चल समारोह

महामांगलिक श्रवण करने के लिए प्रवीण कटारिया के नुतन गृह निवास स्थान से वाजते-गाजते गुरु भक्त वीरेश्वर मंदिर चल समारोह  में पहुंचे। 

गुरु वंदना व ध्यान

धर्मसभा में उपस्थित सकल संघ ने जालना से आये गायक दर्शित जैन के साथ संगीतमय गुरुवंदन किया गया। मुनिश्री ने मंगलाचरण किया, पश्चात ॐ अर्हम नमः एवं ऊं परम गुरुदेवाय नमः का ध्यान कराया। 

धर्मसभा, सुनाई स्वार्थ से भरी कहानी

विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि रक्षाबंधन पर्व भाई और बहन के साथ प्रभु से प्रीत बांधने का भी अवसर है। आज के रिस्ते स्वार्थ से जुड़े हैं इसलिए टूट जाते हैं। प्रेम व समर्पण से बनाया-निभाया रिश्ता अटूट है। मुनिश्री ने अपने गुरुदेव ऋषभचंद्र सूरीजी के प्रवचन से जुड़ी भाई और बहन की करुणा से भरी कहानी भी सुनाई, जिसे सुनकर लोगों की आंखें गीली हो गई। मुनिश्री ने कहा एक लड़का रूप में पागल हो जिस लड़की से विवाह करता है, उसे देखे बिना बेचेन रहता है, वही लड़का उस लड़की का चेहरा जल जाने के बाद देखने को भी राजी नहीं है,एसे स्वार्थ से जुड़े रिश्ते कमजोर और नाकाम है। प्रभु से व गुरु से बंधी हुई प्रेम की डोर ही मजबूत है। 

धूप दीप माल्यार्पण व अतिथि स्वागत

प्रवचन के पूर्व महोत्सव में पधारे अतिथि श्री गुरु राजेंद्र विद्याधाम तीर्थ सरोड पालीताणा के मैनेजिंग ट्रस्टी हीरालालजी महेता भीनमाल व प्रकाश जैन सेजल मणि तखतगढ़, महामांगलिक के लाभार्थी प्रकाश केवलसा मुथा नागोठाणा, किशोर परमार ,मनोज जैन, विकास कावेडिया (इंदापुर) विक्रम जैन (मोहपाड़ा ) एवं महाड़ संघ के प्रमुखों ने प्रभु एवं गुरु प्रतिमा पर माल्यार्पण कर धूप-दीप प्रकट किया। श्रीसंघ एवं गुरु समर्पण चातुर्मास समिति की ओर से मोहनलाल सकलेचा परिवार ने अतिथियों का एवं महामांगलिक लाभार्थी परिवार का स्वागत किया। विशेष अतिथि हिरालालजी ने अपने उद्बोधन में यशस्वी चातुर्मास हेतु चातुर्मास समिति की भूरी भरी प्रशंस की एवं मुनिश्री को नये दूर्गम क्षेत्र में नगर का प्रथम चातुर्मास करने हेतु विशेष चरण वंदना की। 

 मुनिश्री ने की रत्न प्रतिमा भेंट

परोपकार सम्राट के शिष्य मुनिश्री रजतचंद्र विजयजी ने महामांगलिक के लाभार्थी प्रकाशजी केवलसा मुथा को परमात्मा की सुंदर परिकर युक्त रत्न प्रतिमा भेंट की।

शासन रत्न पद से अलंकृत हुए

महामांगलिक लाभार्थी प्रकाश मुथा को उनके उल्लेखनीय शासन प्रभावना के कार्य हेतु श्रीसंघ ,चातुर्मास समिति व अतिथि महानुभावों ने मिलकर शासन रत्न पद से अलंकृत किया। संगीत भक्ति और खुशी के साथ में माहौल दिव्य हो गया था। नागोठाणा से विशेष रूप में केवलसा मुथा परिवार  की दो नन्ही बालिकाओं ने सुंदर भक्ति नृत्य प्रस्तुत किया। मुथा ने महामांगलिक को सफल बनाने हेतु आभार माना। 

स्वतंत्रता दिवस की 75वें अमृत उत्सव को मनाया गया

मुनिश्री ने कहा 15 अगस्त आजादी के 75वें अमृत महोत्सव को हिंदुस्तान के हर नागरिक को मनाना चाहिए। उसमें संत भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लें चाहे वो किसी भी धर्म का हो। स्कूल से आए सैकड़ों विद्यार्थियों को मुनिश्री ने संबोधित किया साथ मे शाकाहार अपनाने का संदेश दिया। बच्चों को मिठाई के पैकेट वितरण किए गए।कार्यक्रम के अंत में सम्मान के साथ राष्ट्रगान गाया गया और देशभक्ति के गीत से पूरा माहौल राष्ट्रप्रेम में समर्पित बना

पधारे अनेक श्री संघ

अति सुंदर आयोजन में मोहपाड़ा,रोहा नागोठाणा,श्रीवर्धन, इंदापुर, माणगांव, कोलार, दापोली आदि अनेकों श्रीसंघ ने लाभ प्राप्त किया।

प्रभु से संबंध,मोक्ष का बंधन

इस टाइटल के नाम से बहुत सुंदर अक्षत से (रंगोली) गहूंली महाड़ की तनीषा ओसवाल ने बनाई थी। रक्षाबंधन पर्व पर प्रभु से बंधन कार्यक्रम के तहत डायमंड, गोल्ड फ्लेटिनम ,सिल्वर,ब्रास ऐसे 50 राखीयो द्वारा 50 श्रावण श्राविकाओ ने 1 वर्ष के लिए विशेष नियम लेकर प्रभु को बांधी व प्राप्त की। जालना से आये गायक ने भक्ति की धूम मचाई मुथा परिवार की और से स्वामीवात्सल्य व प्रभावना की गई।

इन्हें मिला आरती का लाभ

भगवान की आरती और मंगल दिवा का लाभ महामांगलिक लाभार्थी परिवार को दिया गया । गौतम स्वामीजी व ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.की आरती रामलाल चंपालालजी भंडारी एवं दादा गुरुदेव राजेंद्र सूरीश्वरजी म.सा. की आरती का लाभ बाबूलाल कोठारी ने लिया।

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