सर्व साधारण खाता को मजबूत करने का संकल्प ले :- अभयदेव सूरीश्वरजी

समस्त जैन सकल संघों को अनुरोध


मुंबई :-
तपागच्छीय प्रवर समिति के कार्यवाहक, पालीताणा तीर्थ व श्री शंखेश्वर महातीर्थ के विकास प्रेरक,तपागच्छाधिपति आचार्य श्री राम सूरीश्वरजी म.सा. समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति,परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय अभयदेव सूरीश्वरजी महाराजा ने सकल जैन समाज को साधारण खाता में ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने का अनुरोध किया हैं।

सकल जैन समाज को जारी पत्र में गुरुदेव ने साधारण खाते का विस्तार से महत्त्व समझाया हैं। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि साधारण में सहयोग करना सभी का कर्तव्य ही नहीं बल्कि दायित्व हैं। पूजा करने के लिए हम संघ की कई सुविधाओं का उपयोग करते हैं,इसलिए संघ का हम पर ऋण हैं। उन्होंने कहा इस कहते में व्यय का अर्थ हैं निर्वहन।हर अरिहंत परमात्मा श्री संघरूपी तीर्थ को प्रणाम कर देश का शुभारम्भ करते हैं,और श्री संघ को शास्त्रों में तीर्थंकर की उपाधि दी गयी हैं। उन्होंने बताया कि  श्री संघ के साधारण रूप में लक्ष्मी की भक्ति का अर्थ हैं तीर्थ और तीर्थंकर की भक्ति।

अभयदेवसूरी ने कहा कि जिनशासन की जाहो जलाली में निमित्त हैं एहम कारण साधारण खाता। श्री संघ के साधारण खाते में दान का लाभ असाधारण और अविश्वसनीय हैं। उन्होंने सकल जैन संघ को अनुरोध किया कि इसके महत्त्व  समझते हुए श्री सघ के साधारण खाते को मजबूत करें। गुरुदेव ने बताया कि श्रावक के बारहवे अतिचार में बताया हैं कि धर्म के जिस क्षेत्र में जरुरत हो श्रावक को उसे पूर्ण करना चाहिए।बड़े से बड़ा तीर्थ हो या फिर छोटा संघ साधारण खाते में कमी (अछत)सभी को हैं।उन्होंने कहा कि जन्म लिया तबसे किसी ना किसी प्रकार से आप सरकार को टैक्स भरते ही हैं,करोड़ों की संपत्ति में कुछ भी खरीदने पर आप जिस तरह हर महीने मेंटेनेंस भरते हो तो इस बात को जरूर सोचिये की जिस संघ में हम पुरे साल आराधना करते हैं वहां सभी क्षेत्रों में हमने लाभ लिया क्या?

उन्होंने कहा की दुसरी जगहों पर जब पर हेड खर्चा करते हो तो धर्म में परिवार का नाम लिखकर संतोष क्यों मानना।गुरुदेव ने अनुरोध किया कि दुसरे कामों की तरह धर्म क्षेत्र में भी पर हेड का सिस्टम रखो विशेषकर साधारण खाते में।गुरुदेव ने आवाहन किया सभी क्षेत्रों में लाभ लेने के अलावा संघ के साधारण खाते को मजबूत करें। उन्होंने कहा संघ में प्रत्येक व्यक्ति काम से काम पांच हजार का लाभ लेकर साधारण खाते में हो रहे नुकसान को ख़त्म करने का दृढ़ संकल्प ले।          

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम