पश्चिम मध्य रेल में ऊर्जा संरक्षण के लिए आधुनिक तकनिकी प्रणाली का उपयोग
कुल 96 प्लेटफॉर्मों में स्वचलित प्लेटफार्म लाईट नियंत्रक सिस्टम
जबलपुर 04 अगस्त। पश्चिम मध्य रेल (पमरे) ऊर्जा संरक्षण के लिए सदैव तत्पर एवं अग्रणी रहा है। पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन एवं प्रमुख मुख्य विघुत अभियंता के निर्देशन और तीनों मण्डलों के मंडल रेल प्रबंधक तथा अन्य अधिकारियों एवं विघुत विभाग के कर्मचारियों द्वारा ऊर्जा बचत के लिए कारगर उपाय किये गये है। इसी पहल में पश्चिम मध्य रेलवे में आधुनिक तकनिकी सिग्नल प्रणाली पर आधारित स्वचलित प्लेटफार्म लाईट नियंत्रक सिस्टम लगाया गया है।
पमरे के 40 प्रमुख स्टेशनों पर कुल 96 प्लेटफॉर्मों में सिग्नल प्रणाली पर आधारित स्वचलित प्लेटफार्म लाईट नियंत्रक सिस्टम लगाया गया है। इस प्रणाली के अंतर्गत जैसे ही गाड़ी प्लेटफार्म पर पहुंचेगी प्लेटफार्म की शत-प्रतिशत लाइटें चालू हो जायेंगी और गाड़ी के रुकने तक प्लेटफार्म की सभी 100 प्रतिशत लाइटें चालू रहेंगी। गाड़ी जैसे ही प्लेटफार्म को पार करेंगे 70 प्रतिशत लाइट बंद हो जायेंगी एवं यात्री सुविधा एवं सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक 30 प्रतिशत लाइटें चालू रहेगी। इस प्रणाली को अपनाने से स्टेशनों में 36 लाख किलोवॉट से अधिक यूनिट की बचत हुई है। पमरे के तीनों मंडलों जबलपुर, भोपाल एवं कोटा के प्रमुख स्टेशनों पर स्वचलित प्लेटफार्म लाईट नियंत्रक प्रणाली उपलब्ध है।
जबलपुर के 13 स्टेशनों :- जबलपुर के 13 स्टेशनों पर जबलपुर, मदन महल, नरसिंहपुर, मैहर, सतना, सागर, गाडरवारा, श्रीधाम, कटनी मुड़वारा, कटनी, दमोह, रीवा सहित कुल 34 प्लेटफॉर्मों में स्वचलित प्लेटफार्म लाईट नियंत्रक सिस्टम लगाया गया है।
भोपाल के 12 स्टेशनों :- भोपाल के 12 स्टेशनों पर भोपाल, गुना, हरदा, होशंगाबाद, विदिशा, शिवपुरी, बीना, संत हिरदा रामनगर, गंजबासौदा, साँची, अशोक नगर,ब्यावरा राजगढ़ सहित कुल 33 प्लेटफॉर्मों में स्वचलित प्लेटफार्म लाईट नियंत्रक सिस्टम लगाया गया है।
कोटा के 15 स्टेशनों :- कोटा के 15 स्टेशनों पर शामगढ़, रामगंज मंडी, भवानी मंडी, सवाई माधोपुर, सालपुरा, बारां, इन्द्ररगढ़, श्री महावीर जी, लाखेरी, बयाना, विक्रम आलोट, चौमहला, सुवासरा, मोरक, छबड़ा गुगोर सहित कुल 29 प्लेटफॉर्मों में स्वचलित प्लेटफार्म लाईट नियंत्रक सिस्टम लगाया गया है।
इस स्वचलित प्लेटफार्म लाईट नियंत्रक सिग्नल प्रणाली से कई फायदे हुए है।
इस प्रणाली से ऊर्जा की बचत होती है।
रोशनी नियत्रण के माध्यम से बिजली खर्च को काम करता है।
प्लेटफार्म लाइटिंग को सिग्नल सप्लाई से नियंत्रित करने के लिए यह प्रणाली बहुत ही विश्वसनीय है।
पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा सरंक्षण के लिए बहुत काफी कारगर सिद्ध हुआ है।
इस प्रकार पश्चिम मध्य रेल ने साल भर में लगभग 36 लाख किलोवाट से अधिक ऊर्जा की बचत की है।
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