रामचरित मानस धर्मग्रंथ ही नहीं जीवनग्रंथ है :- डॉ. उमेशचंद्र शुक्ला
संयोग प्रकाशन का कार्यक्रम
भाईंदर। ' संयोग प्रकाशन ' द्वारा आयोजित शोधग्रंथ रामचरित मानस में प्रयुक्त सूक्तियों का मनोवैज्ञानिक अनुशीलन ' (भाग-1 ) 300 पृष्ठ की पुस्तक का हाल ही में लोकार्पण भाईंदर ( पूर्व ) स्थित बी.एड.कॉलेज हॉल, कस्तूरी पार्क में हुवा। इस मौके पर प्रमुख वक़्ता के रूप में मुम्बई एम.डी. कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रो. उमेशचंद्र शुक्ल ने कहा कि, ' रामचरित मानस धर्मग्रंथ ही नहीं जीवनग्रंथ है।'
ज्ञात हो कि वरिष्ठ साहित्यकार एवं समीक्षक डॉ. सच्चिन्दानंद दुबे एवं प्रख्यात गीतकार मार्कण्डेय त्रिपाठी ने उक्त शोधग्रंथ पर विस्तृत रूप से अपने विचार रखे। शोधग्रंथ : ' रामचरित मानस में प्रयुक्त सूक्तियों का मनोवैज्ञानिक अनुशीलन ' पुस्तक का शोधकर्ता : डॉ. अशोककुमार पांडेय हैं तथा शोधनिर्देशक डॉ.भगवान तिवारी हैं। संयोग प्रकाशन, भाईंदर द्वारा उक्त शोधग्रंथ का प्रकाशन किया गया है। जिसके प्रकाशक हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार पं. मुरलीधर पांडेय हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता एल्फिंस्टन कॉलेज के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ .सुधाकर मिश्र ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ' राहुल ग्रुप स्कूल्स एंड कॉलेजेस ' के संस्थापक अध्यक्ष पं. लल्लन तिवारी विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मुम्बई आकाशवाणी केंद्र , विविध भारती के पूर्व वरिष्ठ उदघोषक राजेन्द्र त्रिपाठी ने किया। इस मौके पर सेंट्रल एक्साइज में पूर्व अधिकारी जे.एन. तिवारी, एडवोकेट आर.जे.मिश्रा, उद्यमी पुरुषोत्तम तिवारी, नगरसेवक मदन सिंह, गीतकार माताकृपाल उपाध्याय, उमाशंकर तिवारी, ' मीरा-भाईंदर एडिटर एसोसिएशन ' के महासचिव व वरिष्ठ पत्रकार सुभाष पांडेय एवं अन्य साहित्यप्रेमी विशेष रूप से उपस्थित थे।
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