आचार्य विश्वरत्न सागर के महामांगलिक में उमड़ा जन सैलाब

मालवा सहित देशभर से पहुंचे हजारों गुरु भक्त


मुंबई :-
मालव भूषण परम पूज्य आचार्य श्री नवरत्न सागर सूरीश्वरजी म.सा. के कृपापात्र शिष्य युवाचार्यश्री विश्वरत्न सागर सूरीश्वरजी म.सा. की प्रथम चातुर्मासिक महामांगलिक हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई। 

श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन संघ के तत्वावधान में गोरेगांव में  मालवा सहित देशभर से हजारों गुरु भक्तों ने उपस्थिति दर्ज करवाई। इस अवसर पर उपधान तप आयोजन की घोषण के साथ में पयुर्षण पर्व आराधना के लिए गोरेगांव ट्रस्ट मंडल ने सकलश्री संघ को आमंत्रित किया ।
जैन श्वेतांबर मालवा महासंघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष संतोष मेहता ने बताया कि यह पहला अवसर है जब मुंबई में किसी कार्यदिवस में आयोजित धार्मिक आयोजनों में इतने बड़े पैमाने पर गुरु भक्तों ने सहभागीता की। स्थिति यह थी कि अनेक गुरु भक्तों को खड़े रहकर ही महामांगलिक का श्रवण करना पड़ा। स्मरणीय है कि गुरुदेव की इस महामांगलिक को लेकर गुरु भक्तों में अपार श्रद्धा व्याप्त है। भक्तों का मानना है कि प्रतिमाह की सुधी एकम की महामांगलिक सात बार लगातार महामांगलिक श्रवण कर लेने से मनोवांछित कामनाएं पूर्ण होती है एवं रोग-षोक आदि-व्याधियों का निवारण हो जाता है।

संघ के प्रमुख प्रवीण कोठारी ने सकल श्री संघ को आग्रह पूर्वक आमंत्रण दिया कि आगामी पर्वाधिराज पर्व पर्युषण की आठ दिवसीय आराधना गुरुदेव की निश्रा में करने के लिए गोरेगांव पधारे। आने वाले सभी आराधकों की आवास एवं भोजन की व्यवस्था ट्रस्ट मंडल द्वारा की जाएगी। इसके लिए ट्रस्ट द्वारा व्यापक पैमाने पर तैयारियां की जा रही है।

आप निसंकोच होकर कीजिए धार्मिक आयोजन
श्री कोठारी ने गुरुदेव से निवेदन करते हुए कहा कि गुरुदेव अपने चातुर्मास के दौरान जो भी कार्यक्रम आयोजित करना चाहे, वे उसके लिए गोरेगांव श्रीसंघ ट्रस्ट तत्पर रहेगा। गुरुदेव आप निसंकोच होकर धार्मिक आयोजन एवं तप आराधना के कार्यक्रम आयोजित करें।

1500 मंदिरों का होगा शुद्धिकरण :- श्री जैन श्वेतांबर मालवा महासंघ एवं नवरत्न परिवार के द्वारा इस वर्ष भी संपूर्ण भारत के 1500 से अधिक जैन मंदिरों में जिनालय शुद्धिकरण का कार्य किया जाएगा। महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र जैन ने पत्रकारों को बताया कि इस वर्ष जिनालय शुद्धिकरण का कार्य 14 अगस्त को होगा। इसके लिए नवरत्न परिवार के द्वारा बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं। शुद्धिकरण की सामग्रियों का किट बनकर तैयार हो चुका है। आगामी 1 अगस्त से वितरण आरंभ कर दिया जाएगा।

उपधान तप की आराधना :- युवाचार्य श्री विश्वरत्न सागर जी ने इस अवसर पर घोषणा की कि मेरी भावना है कि गोरेगांव में 45 दिवसीय उपधान तप की आराधना होनी चाहिए। श्रावक जीवन में कम से कम एक बार सभी व्यक्तियों को उपधान तप की आराधना करना चाहिए। इस तप अवधि में आराधक साधु-साध्वी जैसा जीवन व्यतीत करते हैं।

सिद्धि तप की आराधना आरंभ :- कोठारी ने बताया कि गुरुदेव की निश्रा में 45 दिवसीय सिद्धि तप की  आराधना आरंभ हो गई है।सिद्धितप के आराधक कुल 36 उपवास करते हैं। 

गुरुपद महापूजन :- महामांगलिक के समापन अवसर पर गुरुदेव द्वारा विशिष्ट मंत्रोच्चार वासक्षेप का वितरण गुरु भक्तों को किया जाता है। इस अवसर पर प्रथम गुरु पूजन एवं प्रथम वासक्षेप लेने का चढ़ावा हुकमचंद गुलाबजी परिवार ने लिया ।

संगीतमय संचालन से बंधा समा :- जयपुर के प्रसिद्ध संगीतकार देवेंद्र जैन ग्रुप, जो संपूर्ण जैन समाज में लाला मस्ताना के नाम से मषहूर है, ने कार्यक्रम का संगीतमय संचालन प्रभावी ढंग से करते हुए समा बांधा दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में भरत कोठारी ने महामांगलिक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु श्री विश्वरत्न में हमारे परम तारक आचार्यश्री नवरत्न सागर सूरीश्वरजी की झलक मिलती हैं एवं उन्हें ही गुरु नवरत्न की असीम कृपा प्राप्त हुई। हम उनके दर्शन से ही अभिभूत हो जाते हैं। महामांगलिक श्रवण के लिए मुंबई में विराजित साध्वी श्री सुरेखा श्रीजी की शिष्या चारुलता श्रीजी म.सा.आदि ठाणा उपस्थित थे।

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