पर्युषण महापर्व के दौरान मध्यप्रदेश मेंबूचड़खानों व मांस के खरीदने-बेचने पर प्रतिबंध लगाएँ

 सीएम से जैन संत की माँग 

मुख्यमंत्री चौहान को पत्र भेजकर माँग की


पुना :- 
डॉ. पुष्पेन्द्र ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर जैन समुदाय के पर्युषण महापर्व की अवधि के दौरान बूचड़खानों के संचालन और मांस, मछली के क्रय-विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अहिंसा प्रधान संस्कृति है। अहिंसा की इस महान संस्कृति को अल्पसंख्यक वर्ग का जैन समुदाय व्यापक रुप से पल्लवित करता है। जैन धर्म प्राणिमात्र के प्रति करुणा का उपदेश देता रहा है। 

ज्ञातव्य है कि श्रमण डा. पुष्पेंद्र ने आज़ प्रातःकाल मुख्यमंत्री को पत्र उनके अधिकारिक ई-मेल पर भेजा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पर्युषण महापर्व 24 अगस्त से प्रारम्भ होंगे जो कि 31 अगस्त 2022 को संवत्सरी महापर्व के साथ संपन्न होंगे। उल्लेखनीय है कि जैन समुदाय में पर्युषण पर्व का विशेष महत्व है। देश-विदेश में पर्युषण पर्व तपस्या, अहिंसा और क्षमा की आराधना के साथ मनाया जाता है।

श्रमण डॉ. पुष्पेन्द्र ने मुख्यमंत्री चौहान को भेजे पत्र में माँग की है कि अल्पसंख्यक वर्ग में सम्मिलित जैन समाज के पर्व  पर्युषण के दिनों में राज्य के समस्त बूचड़खाने और सभी प्रकार के मांस, मछली, अंडों वगैरह की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष के राजा, राणा और मुगल शासक भी पर्युषण के दिनों में मांसाहार पर प्रतिबंध लगाते थे।

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