जीवन को आबाद करना व बरबाद करना दोनों अपने हाथ में है :- मुनि रजतचंद्र विजयजी

सरस्वती महापूजन 27 सिंतबर को


झाबुआ :-
आज हम लोगों के करिब है एवं परमात्मा से दूर है। परमात्मा के पास पहुंचने के तीन रास्ते है। पहला करेक्शन भुलों का सुधार कीजिए। लेखक सुंदर लेख लिखते हैं, भुल नहीं रहने देते, जिससे रचना सबकी प्रिय बनती है । वैसे ही कम पाप करने वाले या बिल्कुल पाप नहीं करने वाले को, प्रभु प्रिय बनाते  है और स्नेह भी करते हैं

उपरोक्त विचार परम पूज्य परोपकार सम्राट जैनाचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी म.सा., मुनिराज जीतचंद्र विजयजी म.सा.की पावन निश्रा में श्री गोडीजी पार्श्वनाथ जैन तीर्थ से अरविंदजी गादिया के सुपुत्र रितेश-कपिल गादिया के नूतन गृह निवास पर आयोजित धर्मसभा में कही।उन्होंने कहा कलेक्शन जीवन में अच्छी चीजों का होना चाहिए। जीवन को आबाद करना व बरबाद करना दोनों अपने हाथ में है। बागवान के हाथों में होता हे उद्यान की सुंदरता व रक्षा करना वैसे ही दोष मुक्त भक्त को प्रभु भी चाहते हैं। 

प्रभु के पास पहुंचने का तीसरा रास्ता हे कनेक्शन। संसार के संपर्क से जीव दुखी होता हैं प्रभु के सम्पर्क से सदगति मिलती है। मुनिराजश्री के सारगर्भित प्रवचन से प्रभावित होकर गादिया परिवार के सदस्यो ने रात्री भोजन त्याग, प्रभु पूजा व सामाजिक आदि के नियम धर्मसभा में ग्रहण किए। इसके पूर्व मुनिश्री के समक्ष गादिया परिवार की बहनों ने गहुंलि की एवं मनोहरजी छाजेड़ ने गुरूवंदन कराया। नूतन गृह के कल्पवृक्ष एवं राजपथ नामकरण किये गए। मुनिश्री ने दोनों नाम की व्याख्या भी की।

27 ऑक्टोबर को ज्ञान की देवी माँ सरस्वतीजी का महापूजन होगा। महापूजन बस स्टेंड के निकट स्थित मनोकामना-M2 गार्डन पर होगा। इसमे प्रदेश के लघु उध्योग मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा , सांसद गुमानसिंह डामोर और झाबुआ विधायक कांतिलाल भुरीया विशेष रुप से उपस्थित होंगे। विभिन्न स्कूल् से 2000 बच्चे भी भाग लेंगे।

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