जैन प्राचीन स्तवनों की परंपरा को आगे बढ़ाते श्रेणिक नाहर

जिन शासन के इतिहास में 500 गायकों को एक साथ मंच पर प्रस्तुत किया ।

शांतिसूरीश्वरजी , दादागुरु चालीसा एवम घंटाकर्ण चालीसा को संगीतबद्ध स्वर दिया है।

दीपक आर जैन


चेन्नई शहर में संगीत के क्षेत्र में खासकर हिंदी भक्ति संगीत में कुछ गिने चुने लोग सर्वाधिक लोकप्रिय हैं,उन्ही नामों में एक नाम हैं श्रेणिक नाहर। उनके गायन  से सुरों की महफ़िल सज जाती हैं और चारों  तरफ संगीत का जादू बिखर जाता हैं। लोग इनके गायें गीतों पर ताल देने लगते हैं,और पूरा माहौल झूम झूमकर संगीत के सुरीले संसार में आनंद के गोते खाने लगता हैं। उनके गीतों को सुनने को लोग प्रतीक्षा करते हैं। 

श्रेणिक नाहर का जन्म राजस्थान केखजवाना ग्राम नागोर  जिले में हुआ। बचपन से ही धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत थे। शिक्षा ग्वालियर के पास स्थित शिवपुरी और बालाघाट में हुई। ग्वालियर की हवाओं में बिखरे यंहा के घराने की संगीत की फिजा तभी से युवा उम्र के श्रेणिक को संगीत की और खींचने लगी। बी कॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1978 में वे चेन्नई आ गए। कई वर्षों तक इंकमटैक्स की प्रेक्टिस के बाद जमीनों का कारोबार शुरू किया और निरंतर आगे बढ़ते चले गए। सारे कामों के बाद भी संगीत के प्रति रूचि कम नहीं हुई। 1984 में छत्तीसगढ़ निवासी भंवरलालजी छाजेड़ की पुत्री गरिमा को अपनी जीवन संगिनी बनाया। 


संगीत से बेहद लगाव के चलते उन्होंने 'संस्कति' संस्था का अध्यक्ष  पदभार ग्रहण किया  ,जो पिछले कई सालों से देश के किसी नामी कलाकार के कार्यक्रम का आयोजन करती हैं। इसमें बॉलीवुड के कई नामी गायकों का समावेश हैं। व्यवसाय के साथ साथ समाजसेवा में भी पीछे नहीं रहे और 1993

-94 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संस्था लायंस क्लब मिनाम्बाक्कम के अध्यक्ष रहे।2003-04 में राजस्थानियों का प्रतिनिधित्व करती संस्था RYA metro  के अध्यक्ष रहें। 

संगीत के क्षेत्र में आपने 'गुरु वंदना'भाग 1,जिसका विमोचन पन्नालालजी बै द ने किया। उसके बाद 'गुरु वंदना'भाग 2 का निर्माण छत्तीसगढ़ रत्न शिरोमणि मनोहर श्रीजी म.सा. की प्रेरणा से किया ,जिसका विमोचन नागपुर में 2002 में शक्तिकुमार संचेती ने किया।वर्तमान में पंजाब केसरी परम पूज्य आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वरजी म.सा. समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति ,शांतिदूत आचार्य श्री विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा से जय मां चक्रेश्वरी पर गीतों का निर्माण कर लोकार्पण किया। आपने अधिष्टायक देव घंटाकर्ण महावीर की चालीसा को भी स्वरबद्ध किया है। 

500 कलाकारों के साथ ऐतिहासिक आयोजन     

चेन्नई में ही फरवरी 2020 में धर्मराज उत्सव में 500 गायक कलाकारों के साथ  कार्यक्रम की प्रस्तुति दी यह कार्यक्रम आपके संयोजन और नेतृत्व में हुआ। 500 गायकों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किया ,जो देश में पहलीबार हुआ। इसमें चेन्नई व आसपास के कलाकारों नेभाग लेकर स्वर्णिम इतिहास रचा। 

समर्पण संस्था  के माध्यम से बच्चों को संगीत की पिछले 10 वर्षों से निशुल्क शिक्षा दे रहें हैं। 50 से ज्यादा बच्चे भक्ति संगीत में माहिर हो चुके हैं। यंहा के बच्चों ने कई कार्यक्रमों में भाग लेकर अपना हुनर दिखा चुके हैं। साउथ इंडिया जैन आइडल में सौरभ जैन ने प्रथम स्थान पाया था।यंहा बच्चों को श्री आनंदघन म.सा. व देवचन्द्रजी म.सा. के 500 वर्ष पुराने स्तवनों को सिखाया जाता हैं। इसके माध्यम से भक्ति के कार्यक्रम देश में कई जगहों पर हुए हैं।इसमें प्राप्त राशि गोशालाओं में दी जाती हैं। संस्था अबतक सात लाख का दान कर 100 गायों को छुड़ा चुकी हैं।श्रेणिक कहते हैं की वे  पंजाबियों की भक्ति से बहुत प्रभावित हैं,वे बड़ी तन्मयता से दिल की गहराई से स्वयं की रचना पर आधारित भजन गाते हैं ।वे कहते हैं हमे भजनों में वास्तविकता को नहीं भूलना चाहिए। समय के साथ बदलाव जरूरी हैं।भक्ति में नक़ल कम होनी चाहिए। फिल्मों की धुन पर गाना समय की मांग है।

हेमा मालिनी ने की प्रशंसा 

सुप्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी ने उनके द्वारा सुरबद्ध श्री दादाहुरु इकतीसा की बहुत प्रशंसा की।उन्होंने कहा की सर्व कल्याणकारी यह इकतीसा श्रेणिक नाहर की नायब प्रस्तुति हैं। संगीत के माध्यम से ही नाहर हेमा मालिनी के संपर्क में आये थे। ज्ञात हो विश्व वंदनीय परम पूज्य आचार्य श्री विजय शांति सूरीश्वरजी म.सा. की चालीसा को उन्होंने सुरबद्ध किया था।

यू ट्यूब पर उपलब्ध

श्रेणिक नाहर के गीतों की श्रृंखला उनके यू टयूब चेल पर श्रेणिक नाहर (Shrenik Nahar) पर उपलब्ध हैं। संगीत के माध्यम से जिनशासन की सेवा करनेवाले श्रेणिकजी बुलंदियों को छूए यही मंगल कामना।

अधिक जानकारी के लिए  09840014951 पर संपर्क करें।

You tube Channel :- https://youtube.com/channel/UCbHTyrpnKZoKFOOoiWL3jSQ

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