सरदार पटेल सिर्फ इतिहास में ही नहीं हैं, बल्कि हर देशवासी के हृदय में हैं :- नरेन्द्र मोदी

 सरदार पटेल चाहते थे कि भारत एक सशक्त, समावेशी, संवेदनशील और सतर्क राष्ट्र बने


नई दिल्ली :-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने 'एक भारत श्रेष्ठ भारतके आदर्श के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले सरदार पटेल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल सिर्फ इतिहास में ही नहीं हैंबल्कि हर देशवासी के हृदय में हैं और जो लोग उनके एकता के संदेश को आगे ले जा रहे हैंवे एकता की अटूट भावना के सच्चे प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने में राष्ट्रीय एकता परेड और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर होने वाले कार्यक्रम उसी भावना को प्रदर्शित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ भौगोलिक रूप से ही एक नहीं हैबल्कि यह आदर्शोंविचारोंसभ्यता एवं संस्कृति के उदार मानकों से परिपूर्ण एक राष्ट्र है। उन्होंने कहा, “धरती का भू-भाग, जहां 130 करोड़ भारतीय रहते हैं, वो हमारी आत्माहमारे सपनों और हमारी आकांक्षाओं का अभिन्न हिस्सा है।"

एक भारत की भावना के जरिए भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करने की प्रक्रिया का उल्लेख करते हुएप्रधानमंत्री ने देश के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रत्येक नागरिक से सामूहिक रूप से प्रयास करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरदार पटेल एक सशक्तसमावेशीसंवेदनशील और सर्तक राष्ट्र चाहते थे। एक ऐसा भारत जहां विनम्रता के साथ-साथ विकास भी हो। उन्होंने कहा, “सरदार पटेल की प्रेरणा से भारत, बाहरी और आंतरिक, हर प्रकार की चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम साबित हो रहा है

पिछले सात वर्षों के दौरान देश को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि देश ने अनावश्यक पुराने कानूनों से छुटकारा पाया हैएकता के आदर्शों को मजबूत किया है और कनेक्टिविटी एवं बुनियादी ढांचे पर जोर देकर भौगोलिक तथा सांस्कृतिक दूरियां घटाई हैं।

उन्होंने कहा, “आज 'एक भारत-श्रेष्ठ भारतकी भावना को मजबूत करते हुए सामाजिकआर्थिक एवं संवैधानिक एकीकरण का एक महायज्ञ’ चल रहा है और जलआकाशभूमि एवं अंतरिक्ष में देश का संकल्प तथा देश की क्षमताएं अभूतपूर्व हैं राष्ट्र ने आत्मनिर्भरता के नए मिशन के पथ पर आगे बढ़ना शुरू कर दिया है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्रता के अमृत काल में सबका प्रयास’ और भी अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने कहा, “यह 'आजादी का अमृत कालअभूतपूर्व विकासकठिन लक्ष्यों को प्राप्त करने और सरदार साहब के सपनों के भारत के निर्माण का है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल के लिए 'एक भारत'  का मतलब सभी के लिए समान अवसर था। प्रधानमंत्री ने इस अवधारणा की विस्तृत व्याख्या की और कहा कि 'एक भारतएक ऐसा भारत है जो महिलाओंदलितोंवंचितोंआदिवासियों एवं वनवासियों को समान अवसर प्रदान करता है। जहां बिना किसी भेदभाव के आवासबिजली और पानी की सुविधा सभी की पहुंच में है। उन्होंने कहा कि देश सबका प्रयास’ के माध्यम से ऐसा कर पा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 'सबका प्रयासकी शक्ति को दोहराया, जहां हर नागरिक के सामूहिक प्रयासों से नए कोविड अस्पताल का निर्माणआवश्यक दवाओं की आपूर्तिटीकों की 100 करोड़ खुराकें देना संभव हो पाया है।

सरकारी विभागों की सामूहिक शक्ति का उपयोग करने के लिए हाल ही में शुरू किए गए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का जिक्र करते हुएप्रधानमंत्री ने कहा कि अगर सरकार के साथ-साथ लोगों की 'गतिशक्तिका भी उपयोग किया जाएतो कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिएहमारे प्रत्येक कार्य व्यापक राष्ट्रीय लक्ष्यों के विचार को ध्यान में रखकर किए जाने चाहिए। उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि छात्र अपनी पढ़ाई के विषय चुनते समय क्षेत्र विशिष्ट नवाचारों पर विचार कर सकते हैं या लोगों को खरीदारी करते समय अपनी व्यक्तिगत पसंद के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखना चाहिए। इसी तरहउद्योग जगत और किसानोंसहकारी संस्थाओं को अपने निर्णय लेते समय देश के लक्ष्यों को ध्यान में रखना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार ने लोगों की भागीदारी को देश की ताकत बनाया है। उन्होंने अपने संबोधन के अंत में कहा, ‘‘जब भी हम एक भारत बनकर आगे बढ़ेंतो हमें सफलता मिली और इस तरह हमने श्रेष्ठ भारत बनाने में भी अपना योगदान दिया है।’’

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