बांध बनने से मिल सकता हैं मीरा - भायंदर को लाखों लीटर पानी


संजय गांधी नेशनल पार्क के पास हो रहा है 'टोपोग्राफी' सर्वे

विधायक गीता जैन ने संबंधित अधिकारियों के साथ किया जगह का मुआयना



भाईंदर :-
अगर सब कुछ सही रहा और मीरा-भाईंदर मनपा, वन विभाग (राज्य सरकार) के बेहतर समन्वय और इच्छाशक्ति रही तो आने वाले कुछ वर्षों में मीरा-भाईंदर को लाखों लीटर पानी की सप्लाई के लिए एक बांध मिल जायेगा। शुक्रवार को विधायक गीता जैन, वन विभाग के मुख्य सचिव मल्लिकार्जुन, एमबीएमसी के अतिरिक्त आयुत्त संभाजी पानपट्टे, मुख्य जल-अभियंता शिवाजी बारकुंड से उक्त जगह का मुआयना भी किया और बांध निर्माण को लेकर सकारात्मक संकेत दिया।

विधायक गीता जैन ने बताया की मीरा-भाईंदर की सीमा संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से सटी हुई है। इन सीमाओं पर कई जगह पर प्राकृतिक रूप से जल के स्त्रोत है। कुल मिलाकर 5-6 ऐसे जगहों की पहचान हुई है जहाँ पर बड़ा तालाब अथवा बांध का निर्माण किया जा सकता है।


राष्ट्रीय उद्यान और मनपा की जमीन पर बनेगा बांध

दहिसर चेकनाके के करीब वाघेश्वरी मंदिर के पास एक प्राकृतिक जल का स्त्रोत है। इस स्त्रोत में 12 महीने पानी रहता है बल्कि मानसून में इतना ज्यादा पानी हो जाता है कि शहर में जल-जमाव हो जाता है।
इस जगह का निरीक्षण करने के बाद वन विभाग के प्रमुख सचिव जी. मल्लिकार्जुन ने सकारात्मक संकेत देते हुए 'टोपोग्राफी' सर्वे का आदेश दिया है। इसके एमबीएमसी को उनके विभाग में प्रस्ताव देने को कहा है। गौरतलब है कि बांध बनाने में संजय गांधी उद्यान और एमबीएमसी दोनों के क्षेत्रों की जमीन का इस्तेमाल होगा।



शहर को मिल सकता है रोजाना लाखो लीटर पानी

विधायक गीता जैन कहती है कि सर्वे के बांध निर्माण का काम शुरू होगा। इस बांध से शहर को रोजाना लाखों लीटर पानी मिलेगा। बांध निर्माण से मीरा-भाईंदर की पानी की निर्भरता अन्य एजेंसियों पर कम होगी और आपातकाल जैसे स्थिति में बांध के पानी का इस्तेमाल किया जा सकेगा।


क्या होता है टोपोग्राफी सर्वे

संजय गांधी , राष्ट्रीय उद्यान के उपनिदेशक उदय ढगे ने बताया कि टोपोग्राफी सर्वे में जमीन की गुणवत्ता, मिट्टी और पत्थरों का प्रकार और अन्य तकनीकी पहलुओं की जांच होती है। इसमें संबंधित जगह की प्राकृतिक और कृत्रिम विशेषताओं का अध्ययन होता है। सर्वे के सकारात्म नतीजे बांध निर्माण को प्रशस्त करेंगे। गौरतलब है टोपोग्राफी सर्वे को 'जमीन का सर्वे' भी कहा जाता है।






टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम