बिना धर्म के जीवन निरर्थक हैं :- कुलदर्शन विजयजी
चातुर्मास में एक समय भोजन करते है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
दीपक आर जैन
नई दिल्ली :- बिना धर्म के जीवन निरर्थक हैं।जीवन मे अगर धर्म नही तो कुछ भी नहीं है।जिनकी विचारधारा धर्म के अनुरूप हैं वो कभी किसी काम मे पीछे नहीं रह सकता।
उपरोक्त बात श्री दिल्ली गुजराती श्वेतांबर जैन मूर्तिपूजक जैन संघ व श्री दिल्ली गुजराती कुंथुनाथ ट्रस्ट सोसायटी के तत्वावधान में चल रहे चातुर्मास में धर्मसभा को संबोधित करते हुए श्री गुरुप्रेम के आजीवन चरणोपासक परम पूज्य आचार्य श्री विजय कुलचंद्र सूरीश्वरजी (K.C.) म.सा. के शिष्य रत्न कुलदर्शन विजयजी म.सा.ने कही।उन्होंने कहा है ही में जब टोक्यो ओलंपिक के विजेताओं के लिए प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम रखा था,तब गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा ने उन्हें भी खाने के लिए कहा तो प्रधानमंत्री बोले कि वो चातुर्मास में एक ही समय भोजन करते हैं।सुनकर अत्यंत ही प्रसन्नता हुई कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठ व्यक्ति आज भी अपने धर्म संस्कारों को भुला नहीं हैं।
कुलदर्शन विजयजी ने कहा आज हम एक दुकान या कारखाना करने पर धर्म का आचरण छोड़ देते हैं,लेकिन मोदीजी ऐसे नही हुए क्योंकि वे शुरू से ही ऐसे लोगों से जुड़े जो धर्म से जुड़े थे।उन्होंने बताया कि तपागच्छाधिपति आचार्य श्री प्रेमसूरीस्वरजी म.सा.के साथ 40 साल से जुड़े थे और आज गुरुदेव के सी म.सा.के अलावा अनेक संतों के संपर्क में है फिर वह किसी भी धर्म से हो।उन्होंने कहा आप भी जीवन मे ऐसे लोगों से जुड़िये जो धर्म से जुड़े हैं ताकि आप मे भी धर्म के संस्कार बने रहेंगें।
कुलदर्शन विजयजी ने कहा कि नीतिकार भी कहते हैं कि राजा कौन होना चाहिए ? तो राजा सद्पुरुष होना चाहिए।जो संत पुरुष के निकट रहें,धर्म का आचरण करें।उन्होंने कहा हम प्रधानमंत्री की तुलना सद्पुरुष से कर सकते हैं क्योंकि उनमें वे सारे गुण दिखते हैं जो सद्पुरुष में होने चाहिए।के डी म.सा.ने बताया कि जब भी नरेंद्र मोदी तपागच्छाधिपति गुरुदेव से मिलने आते तो हमेशा कहते बताइए देश के लिये क्या करना है,क्या अच्छे काम किये जायें।
अंत मे कुलदर्शन विजयजी उन्होंने कहा कि जीवन मे आप कितने ही बड़े हो जाओ धर्म को मत छोड़ना।ज्ञात हो गुरुदेव कुलचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.का चातुर्मास देश की राजधानी दिल्ली में चल रहा हैं,और सभी संप्रदाय के लोग उत्साह से भाग ले रहे हैं।
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