गुरु कृपा से पत्थर भी तर जाते हैं :- मुनि रजतचंद्र विजय

सामायिक करने से शांति की प्राप्ति होती है

झाबुआ :- परम पूज्य आचार्य देव श्री विजय ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.की स्मृति में पंन्चान्हिका पुण्योत्सव झाबुआ श्री संघ में गुरु समर्पण चातुर्मास समिति के अंतर्गत चल रहा है। पुण्योत्सव के चौथे दिन सामुहिक सामायिक का मंगलकारी आयोजन किया गया। धर्म सभा में चातुर्मास निश्रा दाता गुरुदेव मुनिप्रवर श्री रजतचंद्र विजयजी म.सा ने कहा प्रभु महावीर ने सामायिक की विषेश महिमा दर्शायी है। एक सामायिक की उत्कृष्ट क्रिया नरक के बंद तुडवा सकती है। सामायिक करने से शांति की प्राप्ति होती है । सामायिक में जयणा का पालन किया जाता है। षट्काय जीवो की रक्षा विशेष रूप से होती है । सामायिक में साधु जीवन की आराधना का लाभ भी कहा गया है । मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी ने आगे बताया कि सामायिक में धर्म के चारों भेद समाविष्ट हो जाते हैं सामायिक द्वारा अभयदान का प्रवर्तन होता है, यह दान धर्म है। स्त्री पुरुष आपस में सम्पर्क नहीं करते इसमें शील धर्म का पालन निहित है। जब तक सामायिक में रहते हे आहार नही किया जाता तो तप धर्म का प्रवर्तन होता है, एवं शुभ भाव से होने वाली क्रिया भाव स्वरुप से मोक्षदायी बनती है। मुनिश्री ने एक सामायिक का कल असंख्य पल्योपम  देव पणे का संयोग बताया है। 

मुनिश्री रजतचंद्र विजयजी ने अपने दीक्षा दाता गुरुदेव के चरणो में श्रद्धांजलि अर्पण करते हुए कहा गुरु की कृपा से पत्थर भी तर जाते हैं। गुरु की कृपा से प्रभु भी मिल जाते हैं। जिस पर गुरु की हो महेर। उसके सब काम आसान हो जाते हैं। धर्मसभा में इंदौर निवासी सचिन जैन व राणु पारसमलजी चन्डालिया ने सुरि ऋषभ चित्र सन्मुख व प्रवचन की गहुंलि की। गुरु गौतम आरती व सुरी राजेंद्र की आरती सुभाष कोठारी ने की। सुरि ऋषभ गुरु की आरती  उत्तम जैन कालीदेवी झाबुआ ने की।  पुण्पहार आरोहण का लाभ संजय कांठी ने लिया। यशवंत भंडारी,उत्तम जैन सुभाष कोठारी, मनोहर छाजेड़ ने दीप प्रज्ज्वलित किया। दोपहर में श्री राजेंद्रसुरी गुरुपद महापूजन एवं अगंरचना का लाभ उषाकिरण सुभाष कोठारी झाबुआ को प्राप्त हुआ। 29 अगस्त को पंचान्हिका  महोत्सव का मुख्य दिन होगा। बड़ी गुणानुवाद सभा होगी। नवकारसी का लाभ मनोहर मोदी व स्वामीवात्सल्य का लाभ स्यामुबेन रतनलालजी मुकेश रुनवाल ने लिया।31 अगस्त को दीपक एकाशना का सुंदर आयोजन विमल कटारिया परिवार की ओर से रखा गया है। 

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