शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के कृषि मंत्रियों की छठी बैठक
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के कृषि मंत्रियों की छठी बैठक
कोविड-19 महामारी के बाद भी भारत का बेहतर प्रदर्शन
नई दिल्ली :- भारत सरकार ग्रामीण युवाओं, किसानों और कृषि से जुड़ी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नई तकनीकों को विकसित करने और उन्हें प्रयोगशाला से निकालकर खेतों तक पहुंचाने के लिए कई कदम उठा रही है। यह बात केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र तोमर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के कृषि मंत्रियों की छठी बैठक में कही।
वर्चुअल माध्यम से ताजिकिस्तान के दुशांबे में आयोजित इस बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि भारत के कृषि क्षेत्र ने कोविड-19 महामारी के दौरान भी बेहतर प्रदर्शन किया है। वैश्विक खाद्य सुरक्षा में योगदान करते हुए खाद्यान्न उत्पादन के साथ-साथ निर्यात में भी काफी वृद्धि दर्ज की है।
इस अवसर पर तोमर ने उल्लेख किया कि सरकार भुखमरी को मिटाने, खाद्य सुरक्षा और पोषण को हासिल करने से जुड़े सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ है। उन्होंने जोर दिया कि जैव-फोर्टिफाइड किस्में मुख्य आहार का स्त्रोत हैं, जो सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर हैं और देश में कुपोषण से जुड़े पहलुओं से निपटने के लिए इन्हें बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को साकार करने के उद्देश्य से सरकार ने जल संसाधनों के उपयुक्त उपयोग को बढ़ाने, सिंचाई के लिए नया बुनियादी ढांचा बनाने, उर्वरकों के संतुलित उपयोग के साथ मिट्टी की उर्वरता को संरक्षित करने, खेत से बाजार तक कनेक्टिविटी प्रदान करने, बुनियादी ढांचे, जैविक खेती आदि के निर्माण के अलावा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) लिंकेज के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि भारत ने कृषि क्षेत्र में सफलता की दिशा में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। हरित क्रांति के अलावा, श्वेत क्रांति, नीली क्रांति, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और किसानों के लिए मूल्य समर्थन प्रणाली दुनिया में अद्वितीय हैं। यह नीति निर्माताओं की दूरदर्शिता, हमारे कृषि वैज्ञानिकों की सूझबूझ और हमारे किसानों की कड़ी मेहनत का परिणाम है कि भारत न केवल आत्मनिर्भर बना बल्कि खाद्यान्न का अधिशेष उत्पादन भी कर रहा। आज भारत अनाज, फल, सब्जियों, दूध, अंडे और मछली जैसी कई खाद्य वस्तुओं का प्रमुख उत्पादक भी है।
बाकी दुनिया की तरह भारत के लिए भी कृषि हमेशा से सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। कोविड-19 महामारी के खाद्य सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर प्रभाव को देखते हुए इस क्षेत्र पर और अधिक ध्यान दिया गया। खाद्य आपूर्ति श्रृंखलाओं को गतिशील बनाये रखने और किसान उत्पादकों की आजीविका को बचाने के लिए विभिन्न देशों के बीच नजदीकी संपर्क रखने और ज्ञान को साझा करने की आवश्यकता है।
भारत कृषि के क्षेत्र में अपनी भारी वृद्धि के साथ, द्विपक्षीय रूप से और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से अन्य विकासशील देशों की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करना और क्षमताओं का निर्माण करना जारी रखेगा ताकि वे भी आत्मनिर्भर बन सके और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम हो सके।
भारत एससीओ का पूर्ण सदस्य है और सदस्य बनने के बाद से इसमें अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस क्षेत्र में बहुपक्षीय, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच बातचीत को बढ़ाने में एससीओ के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है और उनका सम्मान करता है। विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में खाद्य सुरक्षा और पोषण के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए एससीओ के कृषि मंत्रियों की बैठक आयोजित करना महत्वपूर्ण है। यह देखते हुए कि कोविड-19 महामारी का खाद्य सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखला पर दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है, खाद्य और पोषण सुरक्षा के संरक्षण के लिए खाद्य आपूर्ति श्रृंखला के सामान्य कार्यप्रणाली को बनाए रखने के लिए देशों के बीच नजदीकी संपर्क और सहयोग की आवश्यकता है।
इस बैठक में ताजिकिस्तान के कृषि मंत्री शियोजोदा सुलेईमान रिज़ोई, चीनी गणराज्य के कृषि और ग्रामीण मामलों के मंत्री तांग रेंजियन, एससीओ के महासचिव नोरोव व्लादिमीर इमामोविच, एफएओ के महानिदेशक क्यू डोंग्यू और ताजिकिस्तान गणराज्य की सरकार के तहत खाद्य सुरक्षा समिति के अध्यक्ष फैजुलोजोदा मुहम्मदसैद उबेदुल्लो और अन्य गणमान्य सदस्यों ने भाग लिया। तोमर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुश्री शोभा करांदलाजे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
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