कोरोना संकट में आर्थिक चक्र को गतिमान रखने वाले उद्यमियों का अभिनंदन
तरुण भारत का कार्यक्रम
मुंबई :- कोरोना भारत माता के सपूतों के लिए परीक्षा की घड़ी थी। जब पूरा देश संकट में था, कुछ उद्यमियों ने नेट के माध्यम से आर्थिक चक्र जारी रखा। कई उद्योगों ने बिना कटौती के मजदूरों का वेतन दोगुना कर दिया। देश में समय-समय पर कोरोना जैसी आपदाएं आती रहती हैं। हालांकि, अगर हर कोई ईमानदारी से काम करता है, तो देश किसी भी संकट को दूर कर सकता है,
उपरोक्त विचार राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज भवन में कोरोने काल में 51 उद्योगपतियों को सम्मान करते हुए व्यक्त किए। मुंबई तरुण भारत द्वारा आयोजित 'कोविड योद्धा उद्योग सम्मान' में इस अवसर पर मुंबई तरुण भारत की प्रधान संपादक किरण शेलार और व्यवसाय विपणन प्रमुख रविराज बावड़ेकर उपस्थित थे।
कोश्यारी ने कहा कि कोरोना काल में सफाई कर्मचारी, वार्डबॉय, डॉक्टर, नर्स, पुलिस, गैर सरकारी संगठन, सरकारी अधिकारी, उद्यमी आदि सभी ने देश में काम किया।उन्होंने कहा कि दिल से किए गए अच्छे कामों से लोगों को आध्यात्मिक संतुष्टि और आशीर्वाद मिलता है।राज्यपाल ने इस अवसर पर बिपीन शाह, डॉ कविता खडके, कुशल देसाई, वैशाली बोथरा, महेश खेडकर, प्रबोध ठक्कर, एस. गणपती, मिलिंद संपगावकर, प्रवीण पोहेकर, संजय दुबे, सचिन शिंदे आदि को सम्मानित किया।
राज्यपाल द्वारा सम्मानित उद्यमियो के कामों की जानकारी देती पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
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