अमृत महोत्सव श्री शक्ति चेलेन्ज 2021 का आयोजन

 


भाग लेने की अंतिम तिथि 17 सिंतबर


विवरण


नई दिल्ली :- भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष, आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर भारत सरकार और यूएनवुमेन संयुक्त रूप से अमृत महोत्सव श्री शक्ति चैलेंज 2021लेकर आए हैं। जिसका उद्देश्य महिला उद्यमियों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी समाधानों को प्रोत्साहित करना है, जो महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को सुगम बनाते हैं। साथ ही इसका लक्ष्य नारी सशक्तिकरण है, महिलाओं को उनकी पूरी क्षमता के इस्तेमाल के लिए सक्षम बनाना है।

माईगव भारत सरकार का जनसहभागिता मंच है, जो लोगों को सरकार के साथ जुड़ने और सुशासन की दिशा में योगदान करने का अवसर प्रदान करता है। यह एक अनूठी पहल है, जिसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2014 में शुरू किया था। MyGov ऑनलाइन प्लेटफार्मों के उपयोग से सरकार को नागरिक के करीब लाता है,उनको भारत के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन में योगदान देने, आइडिया को शेयर करने के लिए एक इंटरफेस प्रदान करता है। माईगव देश में नीति-निर्माण की प्रक्रिया का भी एक प्रमुख हिस्सा है, और यह मंच नागरिकों को शासन प्रक्रिया में सहभागिता प्रदान करने में सक्षम रहा है। यह नागरिकों न केवल नीति निर्माण में सुझाव प्रदान करने का अवसर प्रदान करता है बल्कि कई गतिविधियों का आयोजन भी करता है। इनमें चर्चा, कार्य, जनमत, सर्वेक्षण, ब्लॉग, वार्ता, शपथ, क्विज़ आदिशामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के रूप में लैंगिक समानता पर काम करने के लिए मैंडेट प्राप्तयूएन वुमैन संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों का नेतृत्व और समन्वय करने के लिए जिम्मेदार है। यहपूरे विश्व और राष्ट्रीय स्तर परलैंगिक समानता सुनिश्चित कर इन्हें मुख्य धारा में लाने हेतुप्रतिबद्धता के साथ प्रयास कर रहा है।यूएन वुमैन की स्थापना संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में निहित समानता के दृष्टिकोण पर आधारित है, यह महिलाओं और बालिकाओं के साथ भेदभाव को समाप्त करने के लिए काम करती है; महिलाओं का सशक्तिकरण; विकास और मानवाधिकार, शांति व सुरक्षा की कार्रवाई,  और लाभार्थियों के रूप में महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता इसकी उपलब्धि है।

माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्ध है और इस दिशा में विभिन्न परिवर्तनकारी कदम उठाएगए हैं। इनमें गरीबों को ब्याज मुक्त ऋण देने के लिए मुद्रा योजना, धुआं मुक्त स्वच्छ ईंधन व फ्री गैस कनेक्शन प्रदान करने के लिए उज्ज्वला योजना,  बालिकाओं की शिक्षा के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के साथ-साथ महिलाओं के गरिमा की रक्षा के लिए तीन तलाक का खात्मा आदि प्रमुख हैं।

सरकार ने घरेलू हिंसा, अंतरंग पक्षपातपूर्ण हिंसा, बच्चों के खिलाफ हिंसा, यौन शोषण एवं विभिन्न साइटों पर- प्राइवेट, पब्लिकऔर ऑनलाइनकाम के दौरान दुर्व्यवहार और उत्पीड़न सहित विभिन्न रूपों में यौन व लिंग आधारित हिंसा (SGBV) से निपटने के लिए कई कदम उठाएं हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सदस्य देशों के नेताओं से अपील की है कि वे बेहतर और समान दुनिया के निर्माण के लिए अपनी योजनाओं में 'महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और कोविड-19 की चुनौती से निपटने के दौरान केंद्र-स्तरीय समुचित उपाय करें, ताकि एक बेहतर और समानता पर आधारित दुनिया का निर्माण किया जा सके। इस आह्वान को समर्थन करने वाले 140 देशों में भारत भी शामिल था।

इस संदर्भ में,यूएनवूमैन ने मल्टी-पार्टनर ट्रस्ट फंड (एमपीटीएफ) के तहत यूएन की अन्य तीन एजेंसीज-यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और यूएनएचसीआर के साथ संयुक्त कार्यक्रम की शुरुआत की है। ताकि कोविड-19 के प्रभाव को देखते SGBV की रोकथाम करने व हस्तक्षेपों को सुदृढ़ किया जा सके। एसजीबीवी के खिलाफ महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त करने और उनकी सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए इस कार्यक्रम की परिकल्पना की गई है।

संदर्भ

यौन और लिंग आधारित हिंसा(एसजीबीवी) मानवाधिकारों का उल्लंघन है और इसका पीड़ितों, उनके परिवारों और समुदायों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। कोविड -19 की भी अपनी चुनौतियाँ हैं, जिनमें से कुछ महिलाओं को असमान रूप से प्रभावित कर रही हैं।

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान सीमित डिजिटल कौशल वाले इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए SGBV सहित साइबर हिंसा का अधिक खतरा उत्पन्न हो गया है। महिलाओं, लड़कियों और कभी-कभी लड़कों को भी ऑनलाइन हिंसा के विभिन्न रूपों जैसे कि धमकी, यौन उत्पीड़न, पीछा करना, ज़ूमबॉम्बिंग. ट्रॉलिंग और अन्य का अधिक जोखिम होता है। महिलाओं, बालिकाओं और लड़कों के खिलाफ ऑनलाइन हिंसा कोविड- 19 के दौरान ऑनलाइन सेवाओं तक उनकी पहुंच में बाधक बन सकती है।2019 यूनिसेफयू-रिपोर्ट पोल में, 50% से अधिक बालक और बालिकाओं ने जवाब दिया कि उन्हें ऑनलाइन हिंसा की रिपोर्ट करने संबंधी सेवाओं के बारे में जानकारी नहीं थी। हालांकि सरकार के प्रयासों से इंटरनेट से कनेक्टेड महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन पुरुषों की तुलना में यह संख्या अभी भी कम है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।

इसके अतिरिक्त, साक्ष्य इंगित करते हैं कि महिलाओं और लड़कियों को सभी स्थानों में हिंसा का सामना करना पड़ता है: निजी, सार्वजनिक, कार्यस्थल और साइबर, जो उनके सशक्तिकरण और विकास के समक्ष सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है। सभी प्रकार की हिंसा से मुक्ति महिलाओं को उनके विकास के लिए समान और सुरक्षित अवसर प्रदान करती है, आर्थिक स्वायत्तता और अधिकार उन्हें अपमानजनक संबंधों और स्थितियों से बाहर निकलने में सक्षम बनाते हैं।

महामारी की रोकथाम और नियंत्रण पर भारत सरकार ध्यान केंद्रित कर रही है। इसने अपने मंत्रालयों/विभागों के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों के तहत प्रौद्योगिकी और सुरक्षा (महिलाओं और लड़कियों के लिए साइबर सुरक्षा सहित) की बढ़ती चुनौती से निपटने के अपने प्रयासों को भी तेज कर दिया है।

महिलाओं और लड़कियों पर प्रौद्योगिकी के परिणामी प्रभाव का संज्ञान लेते हुए, MyGov और UN Women ने संयुक्त रूप से अपने-अपने मैंडेट के माध्यम से इस समस्या का समाधान करने के लिए एक साथ आगे आए हैं और महिला सुरक्षा तथासशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाले तकनीकी समाधान पर अमृत महोत्सवश्री शक्ति चैलेंज2021लॉन्च करने का निर्णय लिया है।

उद्देश्य

कोरोना महामारी के मद्देनजर यूएन वुमेन और MyGov महिला उद्यमियों को मदद और बढ़ावा देने के उद्देश्य से साझेदारी हेतु आगे आए हैं और प्रौद्योगिकी व सुरक्षा के क्षेत्र में नवीन समाधान खोजने के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप को बढ़ावा दे रहे हैं। पिछले साल की कोविड-19 श्री शक्ति चैलेंज की निरंतरता में,एक बार फिर यूएन वुमेन और माईगव महिला उद्यमियों के नेतृत्व वाले या बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रभावित करने वाले समाधानों पर विशेष फोकस के साथ एक नया चैलेंज लेकर आई है। इस समाधान से सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर प्रौद्योगिकी का लाभ मिलने की उम्मीद है, जिसका लाभ कोविड-19 महामारी के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरणमें उठाया जा सकता है।

चरण

चैलेंज की प्रक्रिया

प्रतिभागी

  1. MyGov पोर्टल पर पंजीकरण
    • सभी प्रतिभागियों को MyGov पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा
    • पंजीकरण के बाद प्रतिभागियों के पंजीकृत ईमेल आईडी पर उनके MyGov पंजीकरण को स्वीकार करने के लिए एक मेल भेजा जाएगा
    • MyGov पोर्टल पर पंजीकरण के बाद उपयोगकर्ता चैलेंज में भाग ले सकता है
  2. रजिस्ट्रेशन के बाद

    2.1 भागीदारी और आइडिया सबमिट करने का स्टेज

    • व्यक्ति/कंपनी के प्रतिनिधि अब पार्टिसिपेट बटन पर क्लिक कर सकते हैं
    • व्यक्ति/कंपनी का प्रतिनिधि पोर्टल में विवरण और जानकारी अपलोड कर सकते हैं

    2.2 अंतिम चरण

    • शीर्ष दस (10) टीमें अंतिम चरण में प्रवेश करेगीं
    • टीमें पीओसी विकसित कर जूरी के समक्ष प्रस्तुत करेंगी

पुरस्कार और परिणाम

  • आइडियेशन के चरण में चयनित उद्यमियों को उनके प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (POC) विकसित करने के लिए प्रत्येक को 1,00,000 रुपये (कुल 10,00,000 रुपये )का अनुदान दिया जाएगा। इस विचार को विकसित करने में मदद हेतु उद्यमियों को मेंटर्स भी दिए जाएंगे।
  • अंतिम चरण/पीओसी चरण में, फाइनल विकास और रोलआउट के लिए3 प्रविष्टियों का चयन किया जाएगा और यूएन वुमेन द्वारा प्रत्येक को 5,00,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
  • सभी विजेताओं को MyGov की ओर से प्रशंसा पत्र प्रदान किया जाएगा।

मूल्यांकन के मापदंड

विचारों/प्रोटोटाइप/अंतिम उत्पाद को निम्नलिखित मानकों पर आंका जाएगा:

#

मापदंड

विवरण

1

समस्या समाधान का दृष्टिकोण

प्रोडक्ट आइडिया, इनोवेशन की डिग्री, अंतिम समाधान की सरलता, आइडिया की विशिष्टता और मापनीयता, दृष्टिकोण की नवीनता,

2

बिजनेस यूज का केस

बिजनेस केस , यूएसपी और विज़न

3

समाधान की तकनीकी व्यवहार्यता

उत्पाद की विशेषताएं,  मापनीयता, इंटरऑपरेबिलिटी, विकास और विस्तार, अंतर्निहित प्रौद्योगिकी के घटक तथा स्टैक और भविष्य की नीति व ओरिएंटेशन

4

प्रोडक्ट का रोडमैप

उत्पाद निर्माण की संभावित लागत, विपणन की रणनीति , मार्केट में जाने का संभावित समय

5

व्यक्तिगत/संगठन क्षमता और संस्कृति

प्रभावशीलता (यानी मार्गदर्शन करने की क्षमता, विचार प्रस्तुत करने की क्षमता), बाजार में उत्पाद के विक्रय की क्षमता, संगठन के विकास की क्षमता

6

उपयुक्त बाजार

नेचुरल सेल्स अपील, वहनीयता, आरओआई, बिक्री वितरण चैनल

मूल्यांकन प्रक्रिया

  • चरण I: टीम के सहयोग से प्रथम स्तर की गुणवत्ता जांच और समीक्षा
    1. भाग लेने वाले व्यक्ति/संगठन की पात्रता मानदंड के अनुपालन का आकलन किया जाएगा
    2. संबंधित नामांकन प्रपत्रों में दिए गए उत्तरों की गुणवत्ता और पूर्णता का आकलन किया जाएगा
  • चरण II: मूल्यांकन और स्क्रीनिंग का द्वितीय स्तर
    1. स्क्रीनिंग कमिटी द्वारा प्रस्तुत विचारों का विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा
    2. आइडिया को प्रत्येक मूल्यांकन पैरामीटर पर अंक दिया जाएगा
    3. प्रजेंटेशन के लिए 20-25 प्रविष्टियों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा
  • चरण III: अंतिम चरण के लिए प्रजेंटेशन और शॉर्टलिस्टिंग प्रविष्टियां
    1. 10 विजेताओं के चयन के लिए प्रजेंटेशन का आयोजन
    2. आइडिया को प्रत्येक मूल्यांकन पैरामीटर पर अंक दिया जाएगा
  • चरण IV: अंतिम चरण के लिए 10 प्रविष्टियों का प्रजेंटेशन
    1. चयनित 10 टीमों को जूरी के समक्ष प्रजेंटेशन दिया जाएगा
    2. आइडिया को प्रत्येक मूल्यांकन पैरामीटर पर जूरी द्वारा अंक दिया जाएगा

टाइमलाइन

#

गतिविधियां

तिथि

1

इनोवेशन चैलेंज का  शुभारंभ

17 अगस्त

2

रजिस्ट्रेशन की आखिरी तिथि

17 सितंबर

3

आइडिया सबमिशन की आखिरी तिथि

17 सितंबर

4

प्रस्तुति के लिए चुनी गई टीमों की घोषणा

शॉर्टलिस्ट किए गए प्रतिभागियों की घोषणा

5

शॉर्टलिस्टेड टीमों द्वारा प्रस्तुति

शॉर्टलिस्ट किए गए प्रतिभागियों की घोषणा

6

स्टेज-1 के रिजल्ट की घोषणा

शॉर्टलिस्ट किए गए प्रतिभागियों की घोषणा

7

फाइनल प्रविष्टि का सबमिशन

शॉर्टलिस्ट किए गए प्रतिभागियों की घोषणा

8

टॉप 10 टीम का प्रजेंटेशन

शॉर्टलिस्ट किए गए प्रतिभागियों की घोषणा

9

रिजल्ट की घोषणा

शॉर्टलिस्ट किए गए प्रतिभागियों की घोषणा

10

पुरस्कार समारोह *(यदि कोई हो)

शॉर्टलिस्ट किए गए प्रतिभागियों की घोषणा

पात्रता मापदंड

  1. केवल महिला उद्यमी ही पुरस्कार के लिए पात्र होंगी।
  2. प्रतियोगिता निम्नलिखित संस्थाओं के लिए खुली है: -
    1. स्टार्ट-अप,
    2. भारतीय कानूनी संस्थाएं
      1. आवेदन के समय पंजीकरण प्रमाण प्रस्तुत करना होगा
      2. इसमें भारतीय नागरिकों की न्यूनतम 51% हिस्सेदारी होनी चाहिए और इसे सरकारी काम के लिए कहीं भी प्रतिबंधित या काली सूची में नहीं डाला गया हो। ब्लैक लिस्टेड का मतलब है कि प्रतिभागियों को भारत सरकार और/या किसी राज्य सरकार और/या किसी केंद्र/राज्य पीएसयू द्वारा भ्रष्ट या धोखाधड़ी या गैर-डिलीवरी, गैर-प्रदर्शन के लिए निविदा से ब्लैकलिस्ट या वंचित नहीं किया गया हो।
    3. व्यक्तिगत / टीम
  3. यदि आवेदक (व्यक्तिगत) अभी तक स्टार्ट-अप के रूप में पंजीकृत नहीं है, तो वे अभी आइडिया भेज सकते हैं, लेकिन एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में पंजीकृत होना आवश्यक होगा (जैसा कि कंपनी अधिनियम, 2013 में परिभाषित किया गया है) या साझेदारी(साझेदारी अधिनियम, 1932 की धारा 59 के तहत पंजीकृत) के रूप में या भारत में सीमित देयता भागीदारी (सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 के तहत) पंजीकृत होना आवश्यक है। फर्म को चरण 1 के परिणाम की घोषणा की तारीख से 30 दिन पहले या उससे पहले (http://startupindia.gov पर डीआईपीपी की नवीनतम अधिसूचना में उपलब्ध परिभाषा के अनुसार) रजिस्टर्ड होना होगा अन्यथा आवेदक को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
  4. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की जी.एस.आर. आदेश संख्या- 127 (ई) दिनांक 19 फरवरी 2019 द्वारा अधिसूचित स्टार्टअप की परिभाषा के अनुसार एक इकाई को 'स्टार्ट-अप' माना जाएगा :
    1. निगमन/पंजीकरण की तिथि से दस वर्ष की अवधि तक, यदि इसे एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में निगमित किया गया है (जैसा कि कंपनी अधिनियम, 2013 में परिभाषित किया गया है) या एक साझेदारी फर्म (भागीदारी अधिनियम की धारा 59 के तहत पंजीकृत) 1932) या भारत में सीमित देयता भागीदारी (सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 के तहत) के रूप में पंजीकृत है
    2. निगमन/पंजीकरण के बाद से किसी भी वित्तीय वर्ष में कंपनी का कारोबार एक सौ करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।
    3. इकाई नवाचार, विकास, या उत्पादों या प्रक्रियाओं या सेवाओं में सुधार की दिशा में काम कर रही है, या यदि यह रोजगार सृजन या धन सृजन की उच्च क्षमता वाला एक स्केलेबल व्यवसाय मॉडल है।
      1. मौजूदा व्यवसाय से विभाजन या पुनर्निर्माण द्वारा बनाई गई इकाई को 'स्टार्टअप' नहीं माना जाएगा।
      2. विकसित किए जा रहे नवोन्मेषी सुरक्षा उत्पादों को पहले से लॉन्च न किया गया हो और/या कॉपीराइट या पेटेंट किए गए किसी भी उत्पाद का उल्लंघन/अनदेखी/कॉपी नहीं किया होना चाहिए।
  5. केवल भारत में पंजीकृत संगठन या संस्थाएं ही कोविड19 श्री शक्ति चैलेंज के लिए पात्र होंगी।
  6. प्रतिभागी को भारतीय नागरिक होना चाहिए या कंपनियां/स्टार्ट-अप भारतीय नागरिकों की बहुसंख्यक हिस्सेदारी के साथ होनी चाहिए।
  7. चुनौती के हिस्से के रूप में विकसित किए जाने वाले उत्पाद के लिए, यदि किसी आईपीआर/पेटेंट का उपयोग किया जा रहा है, तो प्रतिस्पर्धी संस्था के पास आईपीआर/पेटेंट का उपयोग करने के वैध अधिकार होने चाहिए।
  8. चैलेंज के लिए विकसित किए जाने वाले उत्पाद को भारत में डिजाइन और विकसित किया जाना चाहिए।

नियम और दिशा-निर्देश

  1. सभी प्रतिभागियों और टीम को भाग लेने के लिए पात्र होना चाहिए (पात्रता मानदंड देखें)
  2. यदि व्यक्ति किसी कंपनी से जुड़ा है, तो उसे अपनी कंपनी से एक एनओसी लेनी होगी, जिसमें कहा गया हो कि संबंधित कंपनी का पुरस्कार राशि और या आईपीआर पर कोई अधिकार नहीं होगा। इसके अलावा, व्यक्तियों को एनओसी के माध्यम से या नई इकाई के पंजीकरण के जरिए नियोक्ता को सूचित करना होगा।
  3. आइडियेशनस्टेज के तहत धन का उपयोग केवल समाधान/पीओसी के विकास के लिए किया जाएगा। टीमों को अगले चरण से पहले आयोजक की टीम द्वारा निर्धारित और सूचित तारीख से पहले फंडयूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देना होगा।
  4. विजेता को चैलेंज के हिस्से के तौर पर विकसित समाधान/उत्पाद को बनाए रखना होगा। हालांकि विजेताओं को प्रतियोगिता के दौरान और पुरस्कार जीतने के बाद चैलेंज के परिभाषित नियमों और शर्तों का पालन करना होगा
  5. समाधान पहले से ही कॉपीराइट, पेटेंट या बाजार में मौजूद किसी भी विचार / अवधारणा / उत्पाद का उल्लंघन/नकल नहीं होना चाहिए।
  6. अनुपालन नहीं करने पर किसी भी व्यक्ति की भागीदारी रद्द हो सकती है।
  7. जूरी किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में अंतिम निर्णय लेगी
  8. किसी भी विवाद के निवारण के लिए, सचिव (MEITY) का निर्णय अंतिम होगा।

 

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