महिलाओं की सुरक्षा जिम्मेदारी हर भारतीय नागरिक की
रेप पीडिताओं को जल्द न्याय मिले
रेशमा रावल
रेशमा रावल |
गौर करने की बात तो यह है कि किसी भी देश के मुकाबला भारत देश की रेप मामलों की दर सबसे आगे है। इसका एक ही मात्र कारण है अपने देश का कानून। बाहर देशों में रेप करने वालों को उसी समय सूली पर चढ़ाया जाता है या गोली मार दी जाती है, इंतजार नहीं किया जाता, लेकिन भारत देश में रेप करने वालों को बहुत आसानी से बेल मिलती है। अपने देश का कानून ही है जो एक हैवानों को रेप करने का बढ़ावा देता है। क्योंकि उसे पता है वह छूट जाएगा। इस बात को बड़ी ही गंभीरता से लेने की जरूरत है और अपने कानून को बदलने की सख्त जरूरत है।
आज जब मैं ऑफिस से देर रात घर आती हूं कहीं ना कहीं मेरे भी मन में एक डर लगा होता है कि इस अंधेरी रात में कोई मेरा पीछा ना कर रहा हो, भले ही सेल्फ डिफेंस ट्रिक आती हो, पर कहीं ना कहीं मन में डर रहता है। उस वक्त मुझे लगता है क्या वाकई अपना देश आजाद है? अगर है तो हम क्यों नहीं? अपने देश का संविधान सबके लिए बराबर है तो अपने देश की महिलाएं आजाद क्यों नहीं है? सुनसान सड़क पर चल रही हर महिला के मन में कहीं ना कहीं यह डर लगा रहता है कि कोई पीछे तो नहीं आ रहा। “अब वक्त आ गया है की हमें महिलाओं की सुरक्षा की ओर ध्यान देना चाहिए और कुछ ऐसे कड़क कानून बनाने चाहिए जिससे रेप करने वाला हैवान रेप की सोच से घबरा जाए।”
चलान के डर से लोगों ने मास्क और हेलमेट पहनने शुरू कर दिए हैं, “एक बार इस बात पर गौर कीजिएगा 2-4 लोगों को सूली पर चढ़ा कर तो देखो रेप की दर में गिरावट आएगी और अपने देश की महिला आजादी की सांस ले पाएगी।”
(लेखिका पत्रकार हैं)
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