स्टार्ट-अप्स के लिए सूचना प्रौदयोगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की सोच समृद्ध योजना के रूप में सामने आयी

स्टार्ट-अप्स और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में अथक प्रयास

नई दिल्ली :-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा था कि हमारे देश में स्टार्ट-अप्स नए तरह की संपत्ति सृजित करने वाले हैं। उन्होंने भारत के स्टार्ट-अप्स और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में अथक प्रयास करने की सरकार की जरूरत को रेखांकित किया। वहीं हाल ही आयोजित एक कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने भी प्रधानमंत्री की इस सोच पर जोर दिया। उन्होंने कहा था, “सबसे चुनौतीपूर्ण चरण, जो कि जो प्रारंभिक जोखिम चरण है, में सरकार स्टार्ट-अप व उद्यमियों की सहायता करेगी और 130 करोड़ लोगों की सेवा करने के लिए भारत इन्क्यूबेटरों और एक्सेलेरेटरों के नेटवर्क को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ाएगा।”

श्री अश्विनी वैष्णव की उपरोक्त बातों ने आज "उत्पाद, नवाचार विकास और वृद्धि के लिए एमईआईटीवाई के स्टार्ट-अप एक्सीलेरेटर (समृद्ध)” कार्यक्रम का रूप ले लिया है। इस कार्यक्रम की शुरुआत आज इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने की है, जिससे भारतीय सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट स्टार-अप्स के अपने उत्पादों को बढ़ाने और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने को लेकर निवेश प्राप्त करने के लिए एक सहायक मंच तैयार किया जा सके। इस कार्यक्रम को एमईआईटीवाई स्टार्ट-अप हब (एमएसएच) कार्यान्वित कर रही है।

 

समृद्ध योजना को शुरू किए जाने के अवसर पर श्री वैष्णव ने कहा कि यह पहल न केवल स्टार्ट-अप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, बल्कि कौशल संग्रह (सेट) को एक साथ लाने में भी मदद करेगी, जिससे उन्हें सफल होने में सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री की सोच को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि समावेशी विकास के लिए प्रौद्योगिकी और युवाओं की ऊर्जा समावेशी विकास के लिए ऊर्जा का एक बड़ा संभावित स्रोत है।

मंत्री ने आगे कहा कि आज हम जिस रूप में खड़े हैं, हमारे समाज को बहुत सारी पहलों, नए उत्पादों और नई सेवाओं की आवश्यकता है, जो समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों व जो निचले पायदान पर हैं और देश के दूरदराज हिस्सों में रहने वालों के लिए एक बेहतर जीवन का निर्माण करेगा, जहां मुख्य धारा के विकास ने उन्हें इससे दूर कर दिया है। लोगों तक पहुंचने में तेजी लाने और बहुत बड़ा बदलाव लाने में प्रौद्योगिकी एक भूमिका निभा सकती है, जिसमें कई साल लग गए होंगे। स्टार्ट-अप्स की ऊर्जा का उपयोग करके इन क्षेत्रों में महीनों के भीतर पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा, "पारंपरिक के साथ-साथ नए युग के उद्योगों में रोजगार हमारी सरकार का एक घोषित मिशन और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच भी है। समृद्ध जैसी पहल और योजनाएं इस सोच के कार्यान्वयन में तेजी लाने में सहायता करेंगी।”

वहीं, इस कार्यक्रम के लोकार्पण समारोह में मंत्रालय में सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि समृद्ध योजना उन स्टार्टअप्स को चुनेगी, जो तेज गति से आगे बढ़ने (एक्सलेरेशन स्टेज) के लिए तैयार हैं और उन्हें इस स्तर पर जरूरी वित्तीय सहायता, संरक्षण और कई अन्य तरह की मदद प्रदान की जाएगी। यह योजना हमारे स्टार्टअप समुदाय में विश्वास पैदा करने की हमारी यात्रा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

समृद्ध कार्यक्रम अगले तीन वर्षों में ग्राहक संपर्क, निवेशक संपर्क और अंतरराष्ट्रीय पहुंच प्रदान करके 300 स्टार्ट-अप्स को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके साथ ही, स्टार्ट-अप के मौजूदा मूल्यांकन व विकास के चरण के आधार पर स्टार्ट-अप में 40 लाख रुपये तक का निवेश चयनित एक्सीलेरेटरों के माध्यम से किया जाएगा। यह एक्सीलेरेटर/निवेशक के माध्यम से इक्वल मैचिंग निवेश की सुविधा भी प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय स्टार्ट-अप वृद्धि को आगे बढ़ाना है, जिसमें 63 यूनिकॉर्न सामने आए हैं, जो अब 168 बिलियन अमेरीकी डॉलर के कुल मूल्यांकन के साथ वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा यूनिकॉर्न हब है।

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