गुरु भक्ति से ही विद्या फलती है :- मुनिश्री रजतचंद्र विजयजी

 विराट धर्मसभा के साथ आचार्य श्री ऋषभचन्द्र सुरीजी का पुण्योत्सव प्रारंभ


झाबुआ :-
श्री ऋषभदेव बावन जीनालय मे चातुर्मास हेतु विराजित प.पू.गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद्बिजय ऋषभचंद्र सूरीश्व़रजी म.सा.के आज्ञानुवर्ती शिष्य प.पू.मुनिराज श्रीरजतचंद्र विजयजी म.सा. पू.मुनि श्री जीतचन्द्र विजयजी म.सा. की पावन निश्रा मे आज आचार्य श्री पूज्य ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी म सा की स्मॄति मे आयोजित 5 दिवसीय 'पुण्योत्सव और वीर 'गणधर लब्धि तप'के तपस्या के अनुमोदन हेतु 'तप अभिनंदन समारोह' का आयोजन सुबह प्रातः श्री स्नात्र पूजन और भक्तामर स्त्रोत वह गुरु चालिसा पाठ से प्रारम्भ हुआ |  धर्मसभा एवं तपस्वी बहुमान के कार्यक्रम मे धर्मचन्द्र मेहता ने गुरूदेव श्री ऋषभचन्द्र सुरीजी की गुरु वंदना करवायी  मंगलाचरण से धर्म सभा प्रारम्भ हुई | पूज्य मुनिश्री रजत विजयजी म सा ने पूज्य आचार्य श्री ऋषभचन्द्र सुरीश्वरजी महाराज साहेब के जन्म प्रसंग एवं जीवन पर प्रकाश डाला |

इसके पूर्व आचार्य श्री की मनमोहक तस्वीर की स्थापना लाभार्थी  नरेश श्वेताजी भंडारी उज्जैन वालो ने लिया |  गहुली डा.नगिनलालजी यशोदा बेन ने लिया | तस्वीर पर माल्यार्पण का लाभ सपना संघवी के 31उपवास तपस्या निमित्त हस्तीमलजी सागरमल सांघवी ने किया। पधारे हुए विशिष्ट अतिथियों दीप प्रज्जवलित किया गया वासक्षेप द्वारा गुरुपद पूजन लाभार्थी अशोक कुमार बाबूलालजी कोठारि शाजापुर वालो ने लिया। स्वामीवात्सल्य लाभार्थी श्रीमती शोभाबेन पूत्र अर्पितजी कांकरेचा़ परिवार की और से आयोजित हुआ |सपना संघवी तप अनुमोदनार्थे चौवीसी हुई।दोपहर में श्री आदिनाथ पंचकल्याणक पूजा व अंगरचना लाभार्थी  रासिकलाल बाबुलाल शाह थे । रात्री भक्ति भावन के लाभार्थी शैलेश  रौनक तपनजी शाह झाबुआ थे। भक्ति भावना छत्तीसगढ़ के अंकित लोढ़ा रायपुर ने कराई।  समस्त तपस्वियों का बहुमान लाभार्थी परिवार की तरफ़ से किया गया। सोने के सिक्के द्वारा राकेश कुंदनमल बोराणा की और से सभी तपस्वीयों का बहुमान किया गया। संचालन संजय काठी ने किया।

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