ऋषभचंद्र सूरीजी की स्मृति में दीपक एकाशना का आयोजन
छोटे छोटे तप भी जीवन को श्रेष्ठ बनाते हे :-मुनि रजतचंद्र विजय झाबुआ :- श्री ऋषभदेव बावन जिनालय मे चातुर्मास हेतु बिराजमान प्रखर प्रवचनकार पूज्य मुनिराज श्री रजतचन्द्र विजयजी म.सा. और मुनिराज श्री जीतचन्द्र विजयजी म.सा.की निश्रा मे मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक परम पूज्य गच्छाधिपति,परोपकार सम्राट आचार्यदेव श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी महाराजा के स्मृति में दीपक एकासना का आयोजन किया गया जिसका लाभ विणाबेन विमल कटारिया परिवार ने लिया।रजतचंद्र विजयजी ने प्रवचन मे कहा की जिस प्रकार से दीपक अंधकार से प्रकाश की और ले जाने वाला होता हे उसी प्रकार दीपक एकासणा आपके जीवन मे प्रकाश देगा | तप करने से आत्मा की पुष्टी होती हैं। मुनिश्री ने कहा कि तप भी कई प्रकार के होते हैं। छोटे छोटे तप भी जीवन को श्रेष्ठ बनाते हे बस भाव उच्च होना चाहिए। जैसे हमारे पास सिर्फ तलवार ही नही होना चाहिए, तलवार चलाना आना चाहिए उसी प्रकार सम्यक ज्ञान भी समझ मे आना चाहिए यह सम्यक ज्ञान आपको दिशा दिखाता हैं। यह तप हमे सम्यक ज्ञान की और ले जाता हैं। मानव जन्म हमे बार बार नही मिलता हे | दस प्रकार से यह मानव जीवन दुर्लभ हैं। इनक