युग दृष्टा थे आचार्य तुलसी :- मुनि अर्हत कुमार

मुनि अर्हत कुमार का 60वां जन्मदिन मनाया


मदुरै ( Dindigul Tn.)
:- हर व्यक्ति धरती पर जन्म लेता है और उनमें से कुछ शख्श अपने रचनात्मक कार्यों द्वारा जग में अमिट छाप छोड़ देते हैं। उसी कड़ी में एक नाम है युग दृष्टा आचार्य  तुलसी। आचार्य तुलसी का बोलता जीवन था। उन्होंने अपनी  सृजनात्मक व रचनात्मक शैली से दुनिया को नयी  राह दिखाकर एक अनोखा काम किया। युवा अवस्था में दीक्षा का वरण कर 22 वर्ष की छोटी अवस्था में तेरापंथ जैसे अद्वितीय धर्म संघ का दायित्व संभाल लिया। गुरुदेव तुलसी ने जो भी सतरंगी सपने संजोए उन सभी को साकार  किया, उन्होंने मानव को मानवता का आकार दिया। उनकी आंखों में शनि था। कठिन से कठिन परिस्थितियां भी उनके फौलादी साहस से टकराकर अपना अस्तित्व खो देती थी। उनका अनुशासन का तरीका  अपने आप में अद्भुत था। उनकी चिंतन की शैली विलक्षण थी। हम सब उनके आदर्शों पर चलकर  अपने जीवन का नव निर्माण करें, कल्याण करें। 
उपरोक्त विचार शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री अर्हत कुमार ने आचार्य श्री तुलसी के महाप्राण दिवस पर श्री वि कॉलेज डिंडीगुल में श्रदालुओ के बीच व्यक्त किए। मुनि श्री ने आगे कहा यह मेरा परम सौभाग्य है कि मुझे आचार्य तुलसी के कर कमलों से दीक्षित होने का सौभाग्य मिला।उनके सानिध्य में आत्म विकास करने का अवसर प्राप्त हुआ। जन्म तो सभी लेते हैं पर गुरुदेव ने मुझे संयम रत्न देकर निहाल कर दिया। मैं सब के प्रति मंगल कामना करता हूं कि हम सब गुरुदेव तुलसी के बताए हुए मार्ग का सदैव अनुसरण करते रहे ।

युवा संत मुनि भरत कुमार जी ने कहा- जो है संत महंत, जहां जाते हैं वहां लाते हैं बसंत। उन्हीं में एक तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य तुलसी संतथे। उनके सानिध्य में जो भी आया, वह तन मन धन से धन्य धन्य हो गया। वह दीक्षा दानेश्वर कहलाया। आचार्य श्री तुलसी ने अपने जीवन में हजार दीक्षाएं दी। हम सब उनके जीवन से निरंतर प्रेरणा लें। उन्हीं में एक संत है मुनि अर्हत कुमार जी, जिनका आज 60 वा जन्मदिन है। मुनि श्री संयम समता साधना के जागरूक प्रहरी हैं। मुनि श्री जहां भी जाते हैं धर्म संघ की अच्छी प्रभावना करते हैं। हम मुनि श्री से आशीर्वाद चाहते हैं कि हम भी जल्दी से जल्दी मुक्ति श्री का वरण कर सकें।
 
बाल संत मुनि श्री जयदीप कुमार ने कहा - आचार्य श्री तुलसी घोर अमां में पथ दर्शन करने वाले ज्योतिपुंज थे। उनकी ज्ञानरश्मिओं से पूरा संसार आलोकित है। हम उनके पद चिन्हों पर चलते हुए जीवन को सार्थक और सफल बनाएं। आज मुनि अर्हत श्री का 60वा जन्म दिवस है, मुनि श्री तेरापंथ के एक चमकते सितारे हैं। संयम की  सौरभ से उनके जीवन का कण-कण महक रहा है। मैं आप से आशीर्वाद चाहता हूं कि  मैं अपने संयम जीवन में इंद्रधनुषी रंग भर सकूं।
 सभा अध्यक्ष जयंतीलाल  जीरावला, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष संदीप बोकड़िया, सचिव राजकुमार नाहटा, वरिष्ठ श्रावक नरपत कुमार दुगड़, निर्मल कुमार पारख, मदनलाल बैद, सभा मीडिया प्रभारी अशोक जीरावला, इरोड से पधारे दिलीप हिरण,सुरेश चोपड़ा, कमल बोथरा, नरेश हिरण ने अपने विचार व्यक्त किए। ज्ञानशाला के बच्चों ने रोचक प्रस्तुति दी। कन्या मंडल प्रभारी मधु जीरावला, तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने अपने भावों की प्रस्तुति वीडियो के द्वारा गीतिका के माध्यम से दी। मदुरै तेरापंथ युवक परिषद के कई सदस्य उपस्थित थे ।

शाम को सभा मंत्री धीरज दुगड़, उपाध्यक्ष धीरज पारेख , कोषाध्यक्ष पवन चोपड़ा ने भी मुनिश्री के  जन्म दिन पर दर्शन कर हार्दिक मंगलकामना दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन जयंतीलाल जीरावला ने किया। यह जानकारी पत्रकार अशोक जीरावला ने दी।

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