क्या यह नेता नही जानते कि अभी कोरोना खत्म नही हुआ है

शहर को भारी पड़ सकती है यह "राजनीति"


तीसरी लहर को निमंत्रण दे रहे शहर के नेता

नहीं देखा जा रहा है कोविड-नियमों का पालन कार्यक्रमों में

दुकानदारों-फेरीवालों पर कार्रवाई, 'नेताजी' को छूट


मीरा-भाईंदर :-
मीरा-भाईंदर के नेता शहर में तीसरी लहर को खुला निमंत्रण दे रहे है। एक तरफ प्रशासन तीसरी लहर के खतरे को देखते हुये नयी उपाययोजना बना रहा है वही दूसरी तरफ शहर के राजनेता और जनप्रतिनिधि प्रशासन की मेहनत पर पानी फेर रहे है। शहर में रोजाना जनप्रतिनिधि और नेतागण ऐसे कार्यक्रम कर रहे है या फिर उनमें शिरकत कर रहे है जहाँ खुलेआम कोविड-नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

नियमों के उल्लंगन में शहर के सांसद, विधायक, महापौर से लेकर सभी नगरसेवक और अन्य नेता शामिल है। इस कड़ी में शहर का कोई भी राजनीतिक दल पीछे नही है।

● पहली तस्वीर
विधायक गीता जैन के हाथों एक टीकाकरण केंद्र का उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम के आयोजकों का लक्ष्य टीका लगाने से ज्यादा विधायक के साथ बिना मास्क और सोशल डिस्टनसिंग के फ़ोटो खिंचाने में था। समर्थकों की चाह में विधायक भी भूल गयी कि कोरोना अभी खत्म नही हुआ है।

● दूसरी तस्वीर
भाईंदर पूर्व में एक अस्पताल का उद्घाटन सांसद राजन विचारे के हाथों संम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित लोग और आयोजक यह भूल चुके थे कि सोशल-डिस्टनसिंग भी कुछ होता है। ज्यादातर मास्क मुंह की बजाय गले की शोभा बढ़ा रहे थे।

● तीसरी तस्वीर
मौका मीरा-भाईंदर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने एक कार्यकर्ता का जन्मदिन मनाने का था। पार्टी में बिना मास्क और सोशल-डिस्टनसिंग के जिलाध्यक्ष सहित सभी बड़े पदाधिकारी मौजूद थे।

● चौथी तस्वीर
मौका काशिगांव क्षेत्र महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के स्थानीय कार्यालय का उद्घाटन का था। सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ता जुटे थे लेकिन मास्क किसी के चेहरे पर नही था।

● ये 'राजनीति' शहर को भारी पड़ सकती है

आगामी एक वर्ष बाद होने वाले मनपा चुनावों के मद्देनजर शहर का राजनीतिक पारा गरमाया हुआ है। इसलिये हर नेता और पार्टी अपने हिस्से की राजनीति में लगे हुए है। कभी उद्धघाटन, कभी मोर्चा-धरना, कभी आम बैठक इत्यादि में नेता-जनप्रतिनिधि अपने दल-बल के साथ पहुचते है। प्रशासन ने भले की सार्वजनिक कार्यक्रमो पर रोक लगाई हो लेकिन 'नेताजी' को कौन रोके।

● दुकानदारों-फेरीवालों पर कार्रवाई, 'नेताजी' को छूट

समाजसेवी रोहित सुवर्णा कहते है कि प्रशासन की दोहरी भूमिका दुर्भाग्यपूर्ण है। एक तरफ प्रशासन फेरीवाले, दुकानदारों, व्यापारियों पर लगातार कार्रवाई कर जुर्माना वसूल रहा है तो वही दूसरी तरफ 'नेताजी' वाले कार्यक्रमों पर आंखे मूंद रहा है। आयुक्त दिलीप ढोले ने कहा कि उन्होंने सभी अधिकारियों को नियम तोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति, प्रतिष्ठान पर कार्रवाई का आदेश दिया है।

1. विधायक गीता जैन
2. सांसद राजन विचारे
3.राष्ट्रवादी पार्टी द्वारा कार्यकता का जन्मदिन मनाना
4.मनसे का कार्यालय उद्घाटन

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम