मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक ऋषभ बापजी का निधन

शुक्रवार को जन्मदिन पर होगा अंतिम संस्कार

इंदौर :- श्री राजेन्द्र सूरीश्वरजी पाट परंपरा के वर्तमान गच्छाधिपति, ज्योतिष सम्राट, कुशल आयोजक,आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.(ऋषभ बापजी) का इंदौर में 2 जून की देर रात 1 बजे के आसपास निधन हो गया।वे 62 वर्ष के थे। उन्होंने 22 वर्ष की उम्र में 1980 में विद्धाचन्द्रजी म.सा.के हाथों दीक्षा (सन्यास) ली थी। 2017 में श्री रविंद्र सूरीश्वरजी के निधन के बाद इन्हें त्रिस्तुतिक संघ का गच्छाधिपति बनाया गया था।

शुक्रवार को मोहनखेड़ा तीर्थ में सरकारी नियमों के साथ गुरुदेव का अंतिम संस्कार होगा।उनकी प्रेरणा से अनेक सामाजिक, धार्मिक अनुष्ठान देशभर में समय समय पर होते रहे। भारतभर में उनकी प्रेरणा से हजार से ज्यादा वर्षीतप हुए थे।मोहनखेड़ा में उनकी प्रेरणा से विशाल गोशाला, अस्पताल का निर्माण हुआ है।अनेक राजनेता उनसे बहुत प्रभावित थे।उनकी मां व बड़े भाई ने दीक्षा ली जो आगे चलकर साध्वी पीयूशलता श्रीजी व बड़े भाई त्रिस्तुतिक संघ  के गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री रविन्द्र सूरीश्वरजी म.सा.के रूप में प्रख्यात हुए।

तपागच्छ प्रवर समिति के गच्छाधिपति आचार्य श्री मनोहर कीर्तिसागर सूरीश्वरजी, गच्छाधिपति हेमचंद्र सूरीश्वरजी,गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय अभयदेव सूरीश्वरजी, गच्छाधिपति आचार्य विजय राजेन्द्र सूरीश्वरजी, गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय दौलतसागर सूरीश्वरजी म.सा ने अपने शौक संदेश में कहा कि जिनशासन के लिए यह अपूरणीय क्षति हैं।वे दीर्ध संयमी व स्वभाव से अत्यंत सरल थे।उनकेके कार्यों को हमेशा याद रख जाएगा।उनके देवलोकगमन पर गच्छाधिपति आचार्य श्री नित्यानंद सूरीश्वरजी म.सा.,गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी म.सा.,गुरुप्रेम के आजीवन चारणोपासक आचार्य कुलचंद्र सूरीश्वरजी (के.सी) म.सा.,आचार्य श्री विश्वरत्न सागर सूरीश्वरजी म.सा. ने भी दुख व्यक्त किया।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके देवलोक गमन पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने संदेश में कहा कि मानव सेवा के मसीहा व जीवदया प्रेमी श्री ऋषभचंद्र जी महाराज के विचार और उनका मार्गदर्शन मानवता को सदैव प्रभावित करता रहेगा। वे धर्म सेवा और कल्याण की पुण्य ज्योत थे। उनके मंगलकारी विचार हमें मानवता और धर्म की सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे। उज्जैन के विधायक पारस जैन,मीरा भायंदर की विधायक गीता जैन,युथ फोरम के अध्यक्ष दीपक आर जैन आदि ने शोक व्यक्त किया है।

प्रसिद्ध कवि व जैन फुलवारी के संस्थापक युगराज जैन ने इस तरह अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।

आज काल का चक्र ऐसा घूमा कि
हमसे हमारा गुरुवर रूठ गया ,
एक बहुमूल्य सितारा जिनशासन का
आज अकस्मात ही टूट गया ,
सुनते ही यकायक फिजायें हो गई उदास,
पल भर को तो हवाओं की भी थम गई थी साँस ,
तू मानसरोवर था ममता का ,
तू अथाह समंदर था समता का ,
तू था ज्योतिषशास्त्र का अद्भुत ज्ञाता ,
जन - जन से था आपका गहरा नाता ,
तू अपने आप में एक मिसाल था यहाँ ,
सादा जीवन उच्च विचार से मालामाल था यहाँ ,
कलयुग में सतयुग का तू प्रहरी था मजबूत* ,
तू आया था धरा पर बन करके देवदूत ,
जो भी आप से मिल जाता था एक बार ,
वो आपका ही होकर रह जाता था ,
आपसे मिलते ही भक्त का
 दुःख दर्द काफूर हो जाता था,
अब मोहनखेड़ा की धरती
जब आपके चरणों का स्पर्श नहीं पायेगी ,
बिन पांवों की आहट सुने
वो मन ही मन अकुलायेगी,
गौशाला की गायें भी देखो बैठी आज उदास ,
बिन दाना चुगे परिंदे सब बैठे हैं निराश ,
अंत समय आपको भी लड़नी पड़ी कोरोना से जंग ,
आपका आत्मबल देख हर कोई रह जाता था दंग ,
जीवन पर्यन्त आपने बीज बोया था संस्कारों का ,
मैं भी ऋणी हूँ आपके कई उपकारों का ,
अनेकानेक भक्तों के आप रहे अतिप्रिय संत ,
दिलों में सदा जिन्दा रहोगे सदियों तक अनंत ,
मैं कवि युगराज जैन श्रद्धा के शब्द सुमन
आपके चरणों में धरता हूँ,
आपकी आत्मा को चिरशान्ति मिले
यही प्रभु से प्रार्थना करता हूँ ।
     

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