श्रमण जगत का बहुत बड़ा स्तंभ ढह गया

संपूर्ण राष्ट्र व जिनशासन की बहुत बड़ी क्षति


धारा 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में सबसे पहले जैन मंदिर की प्रतिष्ठा करने की संकल्पना लेने वाले प्रथम आचार्य कोरोना के क्रू काल में हम सब से ऐसे विदा हो जाएंगे हमें यह कल्पना भी नहीं थी!

जब जब भी आप के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ, सार्वजनिक जीवन में विचारों में दृढ़ता निडरता एवं हर कार्य को करने की प्रेरणा देने का आपने कार्य किया ।आज लाखों भक्त असहाय हो गए! ऐसे तो इस धरती पर जो आया है उसे एक न एक दिन जाना है किंतु है  गुरुदेव आपका इस प्रकार जाना हम सबको रुला रहा है।

धर्म की जाव जलाली के साथ जीवदया करुणा व राजनीति में समाज की  जो मजबूत पकड़ आपने की, उसी का परिणाम रहा कि प्रदेश में किसी की भी सरकार रही हो सीएम से लगाकर सभी मंत्री गण आपका आशीर्वाद व मार्गदर्शन लेने समय-समय पर पहुंचते रहे हैं।

पूज्य गच्छाधिपती आचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वर जी महाराज सा. का 2 जून की देर रात 1:44 यानी 3 जून को इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल में महाप्रयाण हो गया। 62 वर्षीय जैन आचार्य का कल 4 जून को जन्मदिन भी है , उसके 1 दिन पूर्व उन्होंने मरण को प्राप्त कर लिया!

अग्नि संस्कार अंतिम क्रिया का विधि विधान मोहनखेड़ा तीर्थ पर 3 जून को शाम 5 बजे होगा।

यदि कोरोना काल लॉकडाउन नहीं होता तो शायद मोहनखेड़ा तीर्थ में लाखों भक्त उन्हें विदाई देने के लिए प्रत्यक्ष पहुंचते, किंतु विधि के विधान ने हमसे हमारे आचार्य को ऐसे समय व ऐसी बीमारी में छीन लिया कि लाखों भक्त अंतिम दर्शन करने के लिए भी नहीं पहुंच पा रहे हैं किन्तु जो जहां है वहीं से मनःपूर्वक श्रद्धा के साथ अपनी आस्था के केंद्र को अश्रुपूरित नमन के साथ विदाई दे रहा है !

आपके आकस्मिक जाने से मालवा क्षेत्र के आध्यत्मिक जगत की ही नहीं अपितु संपूर्ण राष्ट्र एवं जिन शासन की बहुत बड़ी अपूरणीय क्षति हुई है।

 एक बार पुनः परमात्मा में विलीन आपकी आत्मा को नमन,भाव पूर्वक श्रद्धा के साथ अश्रुपूरित श्रद्धांजलिॐ शान्ति ॐ🙏

 संतोष मामा,मिलन जैन एवं

 जिनेंद्र की आवाज परिवार

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