चारित्ररत्नविजयजी का जन्मस्थली नारोली में आगमन

 मुनिराज की दो दिन रहेगी स्थिरता

पाटण :- गुजरात के पाटण नगर में बिराजमान युगप्रभावक पुण्यसम्राट गुरुदेव श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजयजी म.सा.  दिनांक 8 जुन को पाटण से विहार कर पेपराल तीर्थ पधारे तीर्थ।वे पेपराल तीर्थ में गच्छाधिपति आचार्य श्री नित्यसेन सूरिश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा में साध्यरत्न विजयजी म.सा. आदि श्रमण श्रमणी भगवंत ठाणा  की बड़ी दीक्षा में उपस्थित रहकर आज अपनी जन्मभूमि थराद तहसील के नारोली नगर की ओर विहार कर 14 ओर 15 जुन को नारोली नगर में स्थिरता करेंगे।

इसके पुर्व 13 जून की सुबह दुधवा महावीर स्वामी परमात्मा के ओर शाम को पीलुडा में संभवनाथ परमात्मा के दर्शनार्थ पधारेंगे ,16 जून को करबुण नगर में गुरुदेव श्रीमद् विजय राजेंद्र सुरीश्वरजी महाराज आदि गुरु भगवंत के फोटो के ओर शाम को कंकु चीमन धाम में पार्श्वनाथ परमात्मा के दर्शनार्थ पधारेंगे। 17 जुन को प्राचीन तीर्थ थीरपुर (थराद) नगर में परमात्मा महावीर स्वामी के दर्शनार्थ पधार कर 18 जुन को पाटण की ओर विहार करेंगे।

मुनिराज श्री ने 12 जुन को पेपराल तीर्थ से विहार किया।  विहार दौरान पाटण नगर पालिका के मुख्याधिकारी  पांचाभाई माली ने उपस्थित रहकर संपुर्ण विहार यात्रा में पेदल चलकर लाभ लिया।

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