आज आदमी जानवर से भी ज्यादा जहरीला हो गया है : आचार्य प्रसन्नासागर

हर चीज में मिलावट हैं..


निमियाघाट/कोडरमा :-
आचार्य श्री प्रसन्न सागरजी महाराज  ने कहा आज मिलावट का जमाना है बाजार में मिलावट का कार्य जोरो पर है 

 एक व्यक्ति अपने घर कीड़े मारने की दवा लाया दूसरे दिन जब उसने दवा को देखा तो उस दवा में ही कीड़े पड़ गए थे। अब इससे बड़ा भ्रष्टाचार और क्या हो सकता है। कीड़े मारने की दवा में ही कीड़े पड़ जाए तो फिर क्या कहना सब जगह मिलावट है पहले तो लोग दूध में पानी मिलाते थे लेकिन अब लगता है कि पानी में दूध मिलाया जा रहा है। हर चीज में मिलावट है खाने पीने से लेकर औषधियों में भी मिलावट है इतना ही नहीं विचारों और आदर्शों में भी मिलावट जारी हैं। 

उपरोक्त विचार आचार्य श्री प्रसन्नासागरजी म.सा. ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज आदमी बोलता कुछ है और सोचता कुछ है, दिखाता कुछ है और देता कुछ है, होता कुछ है और दिखता कुछ है बाजार में सब नकली सिक्के चल रहे हैं। कहते हैं ना खराब मुद्रा अच्छी मुद्रा को चलन से बाहर कर देती है आज यही हुआ खराब नेतृत्व की वजह से अच्छा नेतृत्व भी बाहर हो रहा है । बेईमान नेतृत्व देश का बेड़ा गर्क करने में लगा है आज यहां सब कुछ नकली मिल रहा है।

आचार्य श्री ने कहा कि  एक नेता को सर्प ने डसा,नेता जी मजे में है, और सर्प चल बसा। क्या इंसान जहरीला हो रहा है।

उन्होंने कहा जहरीला है आदमी क्योंकि अब खेतों में रासायनिक खाद डालते हैं उसमें जहर होता है,वह जहर अन्न आदमी खा रहा है परिणाम आदमी भी जहरीला हो गया। अब आदमी जहर उगलता है । वाणी में मिठास है तो वाणी में अमृत है और अगर वाणी कर दी है कठोर है तो वह जहर ही तो है आंखों में प्रेम है प्यार है तो उन आंखों से अमृत बरसता है और अगर आंखों में घृणा और नफरत है तो मैं जहर ही तो है व्यवहार में विनम्रता और शालीनता है तो वह अमृत है और अगर व्यवहार में उद्दंडता और अहमान्यता है।  तो वह जहर ही तो है काम क्रोध मद लोभ मोह क्या जहर नहीं है क्या इनकी वजह से जिंदगी विषाक्त नहीं हो रही है गुस्सा और जिद क्या आप अमृत कहेंगे नही? गुस्सा एक जहर है जिद्द भी एक जहर है। यह जानकारी राजकुमार जैन अजमेरा, नवीन जैन ने दी।

     संकलन अभिषेक जैन  लुहाड़िया / रामगंजमंडी

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