त्रिस्तुतिक जैन संघ में हुई अविस्मरणीय पर्युषण पर्व की आराधना
पाटण में धर्म आराधना की धूम
पाटण :- गुजरात के पाटण नगर में बिराजमान जैनाचार्य पुण्यसम्राट युग प्रभावक गुरुदेव श्री विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी महाराजा के पट्टधर गच्छाधिपती श्रीमद् विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी महाराज एवं आचार्य भगवंत श्री विजय जयरत्न सूरीश्वरजी महाराज के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजयजी महाराज, मुनिराज निपुणरत्न विजयजी महाराज आदि श्रमण भगवंत एवं साध्वी श्री शाशनलता श्रीजी महाराज आदि श्रमणी भगवंत आदि ठाणा 34 की पावन निश्रा में त्रिस्तुतिक जैन संघ पाटण आयोजित पर्युषण पर्व की आराधना अनेक धार्मिक सामाजिक एवं जीवदया के कार्यक्रम के साथ संपन्न हुई।
तप धर्म की आराधना में सात श्रमण श्रमणी भगवंत एवं नगर पालिका मुख्य अधिकारी पांचाभाई माली सहित 10 से अधिक भाई बहनों ने आठ उपवास की तपस्या की ओर अनेक सदस्यों ने अठ्ठम, चौंसठ प्रहरी पौषध, सहित अनेक आराधना की स्मरण रहे पाटण के त्रिस्तुतिक जैन संघ में वर्तमान में सिर्फ 15 सदस्य यहां पर रहते हैं, फिर भी मुनिराज श्री की प्रेरणा से अनेक शासन प्रभावना के कार्य कर गुरु गच्छ महिमा में अभिवृद्धि कर अनुमोदनीय कार्य किये है। इस पर्व के आठों दिन में विभिन्न समुदायों के श्रमण श्रमणी भगवंतो एवं स्थानीय जैन संघ के अनेक संघो के सदस्यों ओर विभिन्न प्रसंगों पर जैनेतर समाज के 5300 से अधिक सदस्यों की उपस्थिति रही।
इस पर्व के आयोजन में मंडप निर्माण एवं उपाश्रय आदि की सजावट , प्रतिदिन प्रवचन में नगद राशि सहित उत्तम द्रव्यों से प्रभावना, पर्व के आठों दिन पाटण सहित जिले के अनेक गांवों में बड़ी रकम का उपयोग कर जीवदया आदि के कार्यक्रम का लाभ पुण्यसम्राट गुरुदेव श्री के परम गुरुभक्त हिराणी परिवार से रेवतड़ा निवासी रमेशकुमार उकचंदजी हिराणी परिवार चैन्नई ( हिराणी फाउंडेशन) ने लिया। प्रतिदिन विभिन्न जिनालयों में परमात्मा की अंगरचना एवं सभी की साधर्मिक भक्ति सहित अनेक धार्मिक सामाजिक कार्यक्रम एवं सात क्षेत्र में ओर चैत्य परिपाटी सहित परमात्मा के जन्म वांचन में चौदह स्वप्न आदि में ऊंची बोली के लाभ लेकर त्रिस्तुतिक जैन संघ पाटण के सदस्यों ने अनुमोदनीय कार्य किये।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें