आचार्य विश्वरत्न सागर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने लिया आशीर्वाद

जैन धर्म विश्व का एकमात्र मात्र ऐसा धर्म है जिसमें क्षमायाचना का महत्व है :- पुष्कर धामी


हरिद्वार :-
जिस तरह से उत्तराखंड सरकार तीर्थ यात्रियों से लेकर धार्मिक योजनाएं संचालित कर रहा है उससे उत्तराखंड का नाम पूरे विष्व में कीर्तिमान स्थापित करेगा। हरिद्वार में चातुर्मास करके मन को अनंत शांति मिल रही है। हर सरकार को सभी धर्मो के प्रति गहरी आस्था रखते हुए सम्मान करना चाहिए ताकि संपूर्ण मानवजाति प्रभु के बताए हुए मार्ग पर अनवरत चल सके और इस मानवजीवन को धन्य बना सके।


यह बात मालव भूषण, आचार्य श्री नवरत्न सागर सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य युवाचार्यश्री विश्वरत्न सागर सूरीश्वरजी म.सा .ने उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे चातुर्मास के दौरान कहीं।आचार्य श्री का आशीर्वाद लेने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी भी चातुर्मास स्थल पर पहुंचे और उनके दर्शन-वंदन किए।

 इस अवसर पर धामी ने कहा कि संतों के सानिध्य में रहने से जो सुख और शांति का अनुभव होता है, वह कहीं भी नहीं हो पाता है। दर्शन मात्र से शारीरिक और मानिसक थकान पूरी तरह से दूर हो जाती है। धामी ने कहा कि जैन धर्म विश्व का एकमात्र मात्र ऐसा धर्म है जिसमें क्षमायाचना का महत्व है और वर्ष में इसके लिए एक दिन विशेष चयन किया गया है। उपस्थित गुरु भक्तों को धामी ने कहा कि आप सभी उपस्थित सम्मानीयगण भाग्यशाली है कि आपको आत्म कल्याण का रास्ता आचार्यश्री से मिल रहा हैं। यह देवभूमि हरिद्वार वैसे ही पवित्र है लेकिन आचार्यश्री के चातुर्मास से इसकी पवित्रता और कई गुना बढ़ गई हैं।


 इस अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नरेश बंसल, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक हरिद्वार मदन कौशिक, केबिनेट मंत्री स्वामी यतिष्वरानंदजी, डा धनंजयसिंह रावत, जिलाध्यक्ष भाजपा हरिद्वार जयपाल चौहान आदि उपस्थित थे।नवरत्न परिवार के विहार सेवा प्रमुख राजगढ़ निवासी सुनील फरबदा ने बताया कि 21 सितंबर को आचार्यश्री की निश्रा में हरिद्वार में नवरत्न परिवार का राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हुआ। इस अधिवेशन में राजगढ़ सहित मध्यप्रदेश से कई गुरु भक्त हरिद्वार पहुंचें द वर्ल्ड डायमेंड फाउंडेषन के ट्रस्टी महेंद्र सुंद्रेचा और संदीप जैन नाकोड़ा ने बताया कि जल्द ही राजगढ़ नगर से श्रीसंघ हरिद्वार पहुंचेगा और आचार्यश्री से मुलाकात कर उन्हें मालवा में पधारने का आमंत्रण देगा।

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