भारत को पुनःह विश्वगुरु बनाना है:- बालयति मुनि विद्यासागर

 संयुक्त परिवार परंपरा काे जीवित रखें

भीलवाडा :-
हमें भारत को पुन: विश्व गुरु बनाना होगा। एक सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा करना है, तो हमें हिंदी भाषा माध्यम वाले गुरूकुल रूपी शिक्षण संस्थान विकसित करने होंगे। भारतीय संयुक्त परिवार परंपरा को जीवित करना होगा। जर्मनी, फ्रांस, चीन जैसे विकसित देशों में शिक्षा का माध्यम उनकी भाषा है, तो हम अंग्रेजी भाषा के गुलाम क्यों हैं। अंग्रेजी में मात्र 22 हजार शब्द हैं, वो भी लैटिन, संस्कृत आदि से नकल किए हुए है, जबकि गुजराती में 40 हजार, मराठी में 60 हजार और हिंदी में तो लाखों शब्द हैं।

मैकाले की बदनीयती, षडयंत्र को हम आजादी के 75 वर्ष बाद भी ढो रहे है। यह बात बालयति निर्यापक मुनि विद्यासागर महाराज ने रविवार को शिक्षक दिवस पर विजयसिंह पथिक नगर स्थित आचार्य विद्यासागर वाटिका में विशेष प्रवचन के दौरान कहीं।

उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में 7.32 लाख गुरुकुल थे। इनमें 18 प्रकार की उच्च शिक्षा दी जाती थी। जहां गरीब व राजा के पुत्र समान रूप से विद्या अध्ययन करते थे, तभी तो इतिहास में कृष्ण-सुदामा के उदाहरण हैं। भारतीय शिक्षा प्रणाली मात्र पेट भरने की शिक्षा नहीं देती थी बल्कि जीवन जीने की कला देती थी।

अभिषेक जैन लुहाड़ीया / रामगंजमडी

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