"सेवा समर्पण अभियान" के तहत देशव्यापी नि:शुल्क टेलीमेडिसिन सुविधा का प्रारंभ
"सेवा" और "विज्ञान" दोनों ही प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरित हैं
नई दिल्ली :- केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर देशव्यापी नि:शुल्क टेलीमेडिसिन परामर्श सह औषधि सुविधा की शुरूआत की है, जो अपने आप में एक अनूठा कार्यक्रम है।
डॉ.सिंह ने घोषणा करते हुए कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा छात्र-वैज्ञानिकों को जोड़ने वाला कार्यक्रम, "जिज्ञासा", एक वर्ष के अंदर भारत के 700 से ज्यादा जिलों के स्कूलों को शामिल करते हुए बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय विद्यालय संगठन के साथ संयुक्त रूप से पूरा किया जाने वाला यह कार्यक्रम वर्तमान समय में देश के 170 जिलों में चल रहा है।
इस अवसर पर डॉ. सिंह ने कहा कि जब पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन मना रहा है, तब "सेवा समर्पण अभियान" को मनाने का इससे बेहतरीन तरीका नहीं हो सकता है, क्योंकि "सेवा" और "विज्ञान" दोनों ही मोदी से प्रेरित हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देशव्यापी मुफ्त टेलीमेडिसिन सुविधा प्रदान करने से पहुंच, उपलब्धता और सामर्थ्य की समस्याओं का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सुविधा के माध्यम से सेवाओं की गुणवत्ता, डॉक्टर और सहायता, दूरी और परामर्श/उपचार की लागत जैसी तीनों बाधाओं का निपटारा कुशलतापूर्वक किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘साथ’ और ‘ई-संजीवनी’ जैसी टेलीमेडिसिन सेवाएं प्राथमिक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक मेटा-लेयर की तरह हैं, जिससे कि भारत की संपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को अपग्रेड करने में सहायता प्राप्त होती हैं।
उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन से न केवल मरीजों को उनका समय और धन बचाने में सहायता मिलेगी, बल्कि डॉक्टरों को भी जो एक फोन पर अपने मरीजों की मदद कर सकते हैं और बड़ी बीमारियों वाले मरीजों का तुरंत इलाज करने में सक्रिय रूप से शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसे संभव बनाने के लिए देश के अधिकांश नागरिकों को टेलीमेडिसिन सेवाओं को अपनाना होगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड-19 ने हमें कुछ सबक सिखाये हैं और टेलीमेडिसिन की जरूरत को प्रबल बनाया है, क्योंकि देश भर के डॉक्टर महामारी के दौरान केवल कोविड रोगियों का इलाज कर रहे थे और अन्य रोगियों या बीमारियों को देखा नहीं जा सकता था क्योंकि इसके लिए अस्पताल में शारीरिक रूप से उपलब्ध होना आवश्यक था। उन्होंने कहा कि यहां पर टेलीमेडिसिन काम आ सकता है और सहायता प्रदान कर सकता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने टेलीमेडिसिन सुविधा की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि हमने इस ओर ध्यान नहीं दिया लेकिन अब समय आ चुका है जब इसे घर से मुफ्त परामर्श के लिए विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पुनर्जीवित किया जाए। उन्होंने कहा कि उनके लोकसभा क्षेत्र, ऊधमपुर-कठुआ-डोडा में कठुआ के जिला अस्पताल में टेली कंसल्टेशन सुविधा की स्थापना की गई है जिसमें सभी पंचायतें इससे जुड़ी हुई हैं और नियमित आधार पर इसकी निगरानी की जा रही है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि "जिज्ञासा" का मूख्य फोकस स्कूली छात्रों और वैज्ञानिकों को जोड़ने पर है, जिससे छात्रों की कक्षा को एक बहुत ही सुनियोजित अनुसंधान प्रयोगशाला आधारित कक्षा के रूप में विस्तारित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिज्ञासा कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित है, जो स्कूली छात्रों और उनके शिक्षकों के बीच एक तरफ जिज्ञासु संस्कृति और दूसरी तरफ वैज्ञानिक सोच उत्पन्न करेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सेवा इंटरनेशनल की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह पिछले 24 वर्षों से कार्यरत है और संकट और आपदाओं के समय में लोगों की लगातार सेवा करता रहा है।
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