हस्तशिल्प उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराया जाएगा :- पीयूष गोयल

हस्तशिल्प और हथकरघा कारीगरों के साथ 'सेवा और समर्पण अभियान' 

कुल्लू (हिमाचल प्रदेश):- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और वस्त्र मंत्री  पीयूष गोयल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में खूबसूरत हस्तशिल्प उत्पादों की बुनाई करने वाले जादुई हाथों में अद्भुत प्रतिभा और क्षमता है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन उत्पादों को उपयुक्त तरीके से लाने के लिए राज्य और केंद्रीय मंत्रालयों के सक्रिय रूप से काम करने की जरूरत है।

गोयल ने घोषणा की कि राज्य के आकर्षक हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन उत्पादों के निर्यात के लिए बेहतर मंच प्रदान करने के मकसद से राज्य के कुल्लू जिले में बुनकर सेवा और डिजाइन संसाधन केंद्र स्थापित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री आज कुल्लू में हिमाचल प्रदेश राज्य के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में हस्तशिल्प और हथकरघा कारीगरों के साथ 'सेवा और समर्पण अभियान' के तहत आयोजित संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे।

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गोयल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हस्तशिल्प की अपार संभावनाएं हैं और बुनकर सेवा केंद्र में कारीगरों के कौशल उन्नयन, आधुनिक उपकरणों और गुणवत्ता वाले नए डिजाइन तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजाइन, गुणवत्ता, पैकेजिंग और मार्केटिंग के आधुनिकीकरण पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है ताकि बुनकरों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों के अच्छे दाम मिल सकें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिमाचल की टोपी आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचानी जाती है और अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप दुनिया के सबसे ठंडे स्थानों के लिए इसे फिर से डिजाइन करने की आवश्यकता है।

केंद्रीय मंत्री ने बड़े शहरों और फाइव स्टार होटलों में इन उत्पादों की जिलेवार प्रदर्शनियां आयोजित करने का सुझाव दिया ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनकी ब्रांडिंग की जा सके। उन्होंने बुनकरों से कहा कि वे अपना ट्रेडमार्क प्राप्त करें जिसके लिए केंद्र सरकार ने पंजीकरण शुल्क में 80 प्रतिशत की कमी कर दी है।

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 गोयल ने जिले के उद्यमियों से भी बातचीत की और स्थानीय हस्तशिल्प और हथकरघा कारीगरों को लकड़ी के शिल्प, हथकरघा, कढ़ाई मशीन और प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होंने राज्य के उद्योग विभाग से मुख्य रूप से हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले ऊन की गुणवत्ता में सुधार के तरीकों और साधनों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।

इस मौके पर मौजूद बुनकरों और कामगारों की सराहना करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने कला की प्रदर्शनी देखी और प्रत्येक उत्पाद बहुत सुंदर हैं और इन उत्पादों को बनाने वाले हाथ सच में अनमोल हैं। हालांकि उन्होंने आगे कहा कि इन वर्षों में इसका वाणिज्यिक मूल्य बहुत बढ़ गया है और ऐसे में उत्पाद निर्माण में सुधार पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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मंत्री ने जोर देकर कहा कि उपयुक्त आधुनिक मार्केटिंग के साथ उत्पादों की डिजाइनिंग और इसके निर्माण के बाद मानकीकृत पैकेजिंग पर ध्यान देने की सबसे ज्यादा जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्पादों की सर्वोत्तम और उचित कीमत मिलेगी।

इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य के शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, राज्य में 13,572 पंजीकृत बुनकर हैं जिनकी आजीविका बुनाई और कढ़ाई के कौशल से जुड़ी है।

ठाकुर ने बताया कि चंबा की रूमाल के साथ कुल्लू शॉल और टोपी और किन्नौर की शॉल को जीआई टैग दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि बुनकरों के लिए ऑनलाइन बिक्री की सुविधा देने के लिए फ्लिपकार्ट के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, और विभाग उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री भी कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 50 वर्षों में राज्य के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की डिजाइन और गुणवत्ता में बड़ा बदलाव आया है और हजारों परिवारों ने इसे आजीविका का साधन बनाया है।

उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले के हस्तशिल्प विशेष रूप से टोपी और शॉल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। जब कोई भी राष्ट्राध्यक्ष भारत आता है तो प्रधानमंत्री कुल्लवी टोपी और मफलर के साथ उनका स्वागत  करते हैं, जो राज्य के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बुनकरों से पारंपरिक कपड़ों को संरक्षित करने का आग्रह किया क्योंकि वे हमारी संस्कृति से भी जुड़े हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संकट के दौरान पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और हथकरघा क्षेत्र कोई अपवाद नहीं है, हजारों शिल्पकार प्रभावित हुए हैं। उन्होंने राज्य के बुनकर सेवा एवं डिजाइन संसाधन केंद्र की मांग को पूरा करने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया।

केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर बुनकरों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर हथकरघा और हस्तशिल्प पर एक लघु वृत्तचित्र का भी प्रदर्शन किया गया।

राज्य के शिक्षा, कला, भाषा और संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश विकास के मॉडल के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला आज अपनी सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और हस्तशिल्प के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री के साथ अटल सुरंग का भी दौरा किया। गोयल ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के काम की सराहना की और अटल सुरंग को इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना और देश का गौरव बताया।

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