विकास के शिखर पुरुष थे गुरुदेव तुलसी -मुनि अर्हत कुमार

तुलसी का नाम लेते ही कण कण में अभिनव जाग्रति का संचार होता हैं  

मदुरै:-
विकास महोत्सव पर स्थानीय तेरापंथ भवन में मुनि श्री अर्हत कुमार जी ने कहा की वो नाम जिसे लेते ही कण कण में अभिनव जाग्रति का संचार हो जाता है ,गुरुदेव तुलसी ऐसे धर्म नायक थे जिन्होंने अपने बहुयामी अवदानों से मानविय चेतना को झंकृत किया है l गुरुदेव आचार्य  तुलसी ने रूडी वादिता की जंजीरे तोड़ ,मानव को  मानवता की पहचान दी , वो दिव्य स्वप्नधारी थे ,हर रात सपने बुनना और सुबह उन सपनो का साकार कर फिर नयी राह चुनना उनकी विलक्षणता थी । उन्होंने अपने कर्त्तव्य की  स्याही से समस्त मानव जाती की क्षितिज पर अमिट आलेख लिख दिए । जिन्हे शताब्दियों तक मानव गौरव के साथ नमन करती हुई प्रेरणा प्राप्त करते रहेंगे ।

मुनि  भरत कुमारजी ने कहा की गुरुदेव तुलसी और विकास एक दूसरे के पूरक है । विकास अध्यात्म की उर्मियो को फैलाना आचार्य तुलसी का परम लक्ष्य था,और जो लक्ष्य था उसे उन्हें सफलतम करके दिखाया। बालसंत मुनि जयदीप कुमार जी ने गुरुवर में तुम्ही को पाता हु गीत का समधुर संगान किया । तेरापंथ महिला मंडल ,युवक परिषद् एवं शांतिलाल बुरड़ ने अपने भाव व्यक्त किये । यह जानकारी तेरापंथ महिला मंडल मंत्री दीपिका फुलफगर ने दी। 

अशोक जीरावला / मदुरै

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