दंडित होता आम आदमी


                              गिरधारी पोद्दार / भायंदर


दंडित होता ही रहता है

आम आदमी एक बेचारा

घात लगाये बैठे अफसर

ये पकड़ा लो ये मारा


बिना मास्क का दंड पांच सौ

बिना हेलमेट एक हजार

पार्किंग की जगह ना देते

नो-पार्किंग का एक हजार


सीट-बेल्ट ना बांध सके तो

किया किनारे सीटी मार

सिग्नल भी यदि जंप हो गया

दंड चुकाओ पांच हजार


दुपहिया पर तीन बैठ गये

यूज-प्लासटिक हो गया यार

दंड भरो भई बड़े प्रेम से

पांच हजार पांच हजार


सड़क के गड्ढे बंद सिग्नल

खुदी सड़कें फिर भी मौन

सड़क किनारे बड़े बड़े बेनर

इनका उत्तरदायी कौन


फूटपाथ भी घेर के बैठे

लाइट का भी नहीं इंतजाम

कचरे से उफनती कचरा पेटियां

सड़क किनारे लगाती जाम


आम आदमी सुलभ लक्ष्य है

दंड भरो या भरो हाजरी

संबंधित विभाग क्यूं चुप है

क्यूं दंडित नहीं गैरजिम्मेदारी


आम आदमी बैल हो गया

काम करे पीड़ा भी सहे

भरें खजाने फाइन टैक्स से

अपनी पीड़ा किससे कहें


सतत प्रयासरत आम आदमी

मौज करे संबंधित तंत्र

ऐसी दुर्व्यवस्था बदलो सब मिल

जागरुकता का फूंको मंत्र


😊🙏

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