कुछ ऐसा कर..

कुछ ऐसा कर मेरी साँसों में तू बस जा...
मेरी रूह में तू समा जा....
अगर रूह दगा दे तो सांसे साथ छोड़ दे..
अगर सांसे दगा दे तो रूह साथ छोड़ दे..
कुछ ऐसा कर मेरी सोच में तू बस जा
 मेरे दिल में तू समा जा..
 अगर दिल धोका दे तो सोच बंद हो जाए..
अगर सोच धोका दे तो दिल बंध हो जाए..
कुछ ऐसा कर मेरे जहन में तू बस जा...
मेरी फ़ितरत में तू समा जा...
अगर जहन बदले तो फ़ितरत मर जाए...
अगर फ़ितरत बदले तो जहन मर जाए...

सूरज नंदोला (टेक्स कंसलटेंट)


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