दुबई में 75 दिनों से लॉकडाउन में फंसे पाली जिले के 3 युवक भारत लौटे
न खाने को पैसा,न रहने का ठिकाना, वीजा भी खत्म हो गया था
जयपुर। दुबई में 75 दिनों तक भारी मुश्किलों में फंसे पाली जिले के तीन य़ुवक वे स्वदेश लौट आए हैं। वहां उनके पास खाने और रहने के पैसे नहीं थे, वीजा भी समाप्त हो गया था। भारत वापसी के लिए विक्रम गिरी, महेंद्र प्रजापत एवं मुकेश मेवाड़ा को दुबई में हर जगह हताशा मिली। आखिरकार विदेशों में फंसे राजस्थानियों की वापसी में सरकार व प्रवासियों के बीच सेतु का काम कर रहे निरंजन परिहार से संपर्क होने पर उनकी वापसी का रास्ता खुला। परिहार ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोशिशों से उन तीनों का शीघ्र भारत आना संभव हुआ।
दुबई के विख्यात मार्केट मीना बाजार में ये तीनों युवक टैक्सटाइल कंपनी में काम कर रहे थे। लेकिन उनकी कंपनी ने नौकरी से हटा दिया, तो रहने का ठिकाना भी छिन गया। नया काम ढूंढ ही रहे थे कि लॉकडाउन शुरू हो गया। दुबई जैसे महंगे शहर में पैसे की कमी और रहने – खाने की दिक्कतों के बीच कंपनी से हटने की वजह से कुछ दिन बाद ही उनका वीजा भी समाप्त हो गया। दुबई में उन्होंने हर सरकारी एजेंसी में संपर्क किया। लेकिन कहीं से कोई सहायता नहीं मिली। आखिरकार विक्रम गिरी के रिश्तेदार दलपत गिरी ने सरकार व प्रवासियों के बीच सेतु का काम कर रहे निरंजन परिहार से संपर्क किया, तो उन तीनों की वापसी का रास्ता खुला। परिहार ने राजस्थान के मुख्यमंत्री कार्यालय के जरिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया एवं दुबई में भारतीय दूतावास में संपर्क करके उनकी जल्द वापसी सुनिश्चित की। परिहार ने बताया कि दुबई के बेहद सख्त सरकारी नियमों की वजह से उनकी दिक्कतें और बढ़ गईं थीं। ढाई महीने तक अटके रहने से दुबई जैसे महंगे शहर में न तो उनके पास खाने के पैसे बचे थे और न ही गेस्ट हाउस का किराया दे पा रहे थे।
लॉकडाउन लंबा चला और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं। दुबई में उन्होंने भारतीय दूतावास में संपर्क भी किया, लेकिन परिहार बताते हैं कि वीजा की अवधि खत्म हो जाना उनके लौटने में सबसे बडी दिक्कत थी। दुबई से भारत आने के लिए करीब साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा लोगों द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाने से वंदे भारत मिशन के तहत भी वे दुबई से भारत नहीं आ पा रहे थे। जिसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यालय की ओर से विशेष कोशिशें की गई एवं राजस्थान कांग्रेस के महामंत्री नीरज डांगी व निरंजन परिहार ने अपने – अपने स्तर पर प्रयास किए। तब जाकर उनकी वापसी संभव हुई। तीनों ने अपनी वतन वापसी के लिए मुख्यमंत्री गहलोत, डांगी एवं परिहार का आभार जताया है।
पाली जिले के मूल निवासी तीनों युवक मुकेश मेवाड़ा (लुणावा), विक्रम गिरी (पाबूजी देवली) एवं महेंद्र प्रजापत (बाली) तीनों दुबई से वे सीधे एयर इंडिया के विमान से जयपुर लाए गए हैं, जहां सरकार की ओर से उनको सरकार ने कोरोंटाइन रखा गया है। दुबई में पूरे 75 दिन तक कभी भूखे तो कभी किसी से मांगकर खाना खाने की परेशानी से निकलकर वे आखिरकार स्वदेश पहुंचे हैं।
जयपुर। दुबई में 75 दिनों तक भारी मुश्किलों में फंसे पाली जिले के तीन य़ुवक वे स्वदेश लौट आए हैं। वहां उनके पास खाने और रहने के पैसे नहीं थे, वीजा भी समाप्त हो गया था। भारत वापसी के लिए विक्रम गिरी, महेंद्र प्रजापत एवं मुकेश मेवाड़ा को दुबई में हर जगह हताशा मिली। आखिरकार विदेशों में फंसे राजस्थानियों की वापसी में सरकार व प्रवासियों के बीच सेतु का काम कर रहे निरंजन परिहार से संपर्क होने पर उनकी वापसी का रास्ता खुला। परिहार ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोशिशों से उन तीनों का शीघ्र भारत आना संभव हुआ।
दुबई के विख्यात मार्केट मीना बाजार में ये तीनों युवक टैक्सटाइल कंपनी में काम कर रहे थे। लेकिन उनकी कंपनी ने नौकरी से हटा दिया, तो रहने का ठिकाना भी छिन गया। नया काम ढूंढ ही रहे थे कि लॉकडाउन शुरू हो गया। दुबई जैसे महंगे शहर में पैसे की कमी और रहने – खाने की दिक्कतों के बीच कंपनी से हटने की वजह से कुछ दिन बाद ही उनका वीजा भी समाप्त हो गया। दुबई में उन्होंने हर सरकारी एजेंसी में संपर्क किया। लेकिन कहीं से कोई सहायता नहीं मिली। आखिरकार विक्रम गिरी के रिश्तेदार दलपत गिरी ने सरकार व प्रवासियों के बीच सेतु का काम कर रहे निरंजन परिहार से संपर्क किया, तो उन तीनों की वापसी का रास्ता खुला। परिहार ने राजस्थान के मुख्यमंत्री कार्यालय के जरिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया एवं दुबई में भारतीय दूतावास में संपर्क करके उनकी जल्द वापसी सुनिश्चित की। परिहार ने बताया कि दुबई के बेहद सख्त सरकारी नियमों की वजह से उनकी दिक्कतें और बढ़ गईं थीं। ढाई महीने तक अटके रहने से दुबई जैसे महंगे शहर में न तो उनके पास खाने के पैसे बचे थे और न ही गेस्ट हाउस का किराया दे पा रहे थे।
लॉकडाउन लंबा चला और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं। दुबई में उन्होंने भारतीय दूतावास में संपर्क भी किया, लेकिन परिहार बताते हैं कि वीजा की अवधि खत्म हो जाना उनके लौटने में सबसे बडी दिक्कत थी। दुबई से भारत आने के लिए करीब साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा लोगों द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाने से वंदे भारत मिशन के तहत भी वे दुबई से भारत नहीं आ पा रहे थे। जिसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यालय की ओर से विशेष कोशिशें की गई एवं राजस्थान कांग्रेस के महामंत्री नीरज डांगी व निरंजन परिहार ने अपने – अपने स्तर पर प्रयास किए। तब जाकर उनकी वापसी संभव हुई। तीनों ने अपनी वतन वापसी के लिए मुख्यमंत्री गहलोत, डांगी एवं परिहार का आभार जताया है।
पाली जिले के मूल निवासी तीनों युवक मुकेश मेवाड़ा (लुणावा), विक्रम गिरी (पाबूजी देवली) एवं महेंद्र प्रजापत (बाली) तीनों दुबई से वे सीधे एयर इंडिया के विमान से जयपुर लाए गए हैं, जहां सरकार की ओर से उनको सरकार ने कोरोंटाइन रखा गया है। दुबई में पूरे 75 दिन तक कभी भूखे तो कभी किसी से मांगकर खाना खाने की परेशानी से निकलकर वे आखिरकार स्वदेश पहुंचे हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें