तमाम उपलब्धियां भी खुदकुशी से नहीं रोक पायीं सुशांत सिंह को
कड़ी मेहनत और लगन से जो व्यक्ति इंडस्ट्री में डटा रहता है, वही सुशांत सिंह राजपूत बनता है
राकेश दुबे
मौत को गले लगाने से पहले एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने अपने अंतिम इंस्टाग्राम पोस्ट में अपनी दिवंगत मां को संबोधित करते हुए लिखा - आंसू की बूंदों से धुंधला अतीत हवा में घुलता जा रहा है अंतहीन सपने मुस्कान ला रहे हैं और एक क्षणभंगुर जीवन ..... दोनों के बीच से गुजर रहा है.... # मां
बस इसके बाद वे अपने ही घर में गले में फंदा लगाकर झूल जाते हैं। अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में बहुत ही कम समय में अपनी मेहनत से एक खास मुकाम हासिल करने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या क्यों की? यह एक बहुत ही संवेदनशील प्रश्न है। सुशांत की खुदकुशी का कारण जाने माने लोग उनका अवसाद (डिप्रेशन) में जाना बताते हैं। वे पिछले छह महीनों से अवसाद में थे और उनका इलाज भी चल रहा था। जिस स्टारडम, कामयाबी, धन दौलत और ऐशो आराम को हासिल करने के लिए इंसान जीवन भर भागता रहता है, तो क्या ये तमाम उपलब्धियां भी उसे अंततः संतुष्ट नहीं कर पाती? डिप्रेशन में होने का अर्थ यह नहीं इंसान मौत को गले लगा ले? यह तो जीवन से लड़ने नहीं उससे हार मान लेना हुआ?
सिल्वर स्क्रीन यानी फिल्मी दुनिया की चमक - धमक और ग्लैमर अच्छे - अच्छों को चौंधिया देता है। यह एक ऐसी दुनिया है जहां इंसान रातोंरात फर्श से अर्श पर पहुँच जाता है। यानी वह अचानक जमीन से आसमान तक पहुंच जाता है। शोहरत और बेशुमार दौलत के मद में वह यह भूल जाता है कि नीचे जमीन भी है? वह धरातल पर नहीं होता। उसे ज़मीन दिखाई नहीं देती। वह अपनी ही दुनिया में खोया - खोया सा रहने लगता है। वह अपनी एक अलग दुनिया बना लेता है। जहां सिर्फ ग्लैमर और ऐशो आराम होता है। एक्टिविस्ट आभा सिंह ने ट्वीट कर इस घटना को अवसाद से ही जोड़ा है। अब प्रश्न उठता है यह अवसाद पैदा ही क्यों होता है? खासकर कलाकारों में? वैसे आम लोग भी अवसादग्रस्त होते हैं, पर बहुत कम लोग होंगे, जो आत्महत्या करते हों।
सुशांत के पिता केके सिंह रिटायर हैं। पटना में अकेले रहते हैं। क्योंकि सुशांत की मां का भी निधन हो चुका है। उनकी चार में से तीन बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि एक बहन की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। सुशांत मुंबई में अकेले तनहा थे और उनके पिता पटना में। यह दुर्भाग्य की ही बात है कि समाज में अब संयुक्त परिवारों का चलन लगभग समाप्ति की ओर है। परिवार सूक्ष्म से सूक्ष्म होते जा रहे हैं। अब तो ऐसा समय आ गया कि एक उम्र के बाद बच्चे भी अपने माता - पिता के साथ नहीं रहना चाहते। शायद यही हाल सुशांत का भी था। पिता से अलग रहने का। अन्यथा वे बांद्रा स्थित फ्लैट में पिता को अपने साथ रख सकते थे। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया था। नतीजा अवसाद और फिर आत्महत्या।
बांद्रा के अपने फ्लैट में सुशांत फांसी लगा कर लटक गए। यदि उनके साथ पिता होते, तो क्या वे ऐसा कर पाते? शायद नहीं। इसलिए बच्चों के साथ अभिभावक का होना बहुत जरूरी है। सुशांत फिल्मी बैकग्राउंड वाले परिवार से नहीं थे। हां बचपन से ही उनका फिल्मों में जाने का मन अवश्य था, जैसा अमूमन आजकल के बच्चों में होता है। यह स्वाभाविक भी है। क्योंकि ग्लैमर की दुनिया है ही कुछ ऐसी। सबको यही लगता है कि फिल्म इंडस्ट्री में दौलत और शोहरत दोनों है? और है भी। मगर सिल्वर स्क्रीन के पीछे की सच्चाई से जब इंसान रूबरू होता है, तब इस दुनिया की हकीकत उसके सामने होती है और फिर उसके सारे अरमान एक - एक कर चकनाचूर होने लगते हैं। कड़ी मेहनत और लगन से जो व्यक्ति इंडस्ट्री में डटा रहता है, वही सुशांत सिंह राजपूत बनता है। इसमें कोई शक नहीं कि सुशांत ने मेहनत और लगन से फिल्म जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
बिहार के पुर्णिया जिले में 21 जनवरी, 1986 को जन्में सुशांत मैकेनिकल इंजीनियरिंग थे। एक छोटे शहर से निकल कर बहुत ही कम समय में सुशांत ने बॉलीवुड में सफलता हासिल की। सन 2008 में पवित्र रिश्ता नामक धारावाहिक से सुशांत सिंह राजपूत को अपने कैरियर में पहचान मिली। इससे पहले भी वे किस देश में है मेरा दिल नामक टीवी सीरियल कर चुके थे। झलक दिखला जा, जरा नच के दिखा के जरिए उन्होंने टीवी पर भी खूब नाम कमाया। फिल्म काई पो चे से बड़े पर्दे पर अपना डेब्यू करने वाले सुशांत ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। शुद्ध देसी रोमांस, डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी, पीके, राबता, एमएस धोनी, केदारनाथ, छिछोरे उनकी प्रमुख फिल्में हैं। फीजिक्स में नेशनल ओलिम्पियाड विनर सुशांत की एक बहन राज्य स्तर की क्रिकेटर है। एक उभरते हुए स्टार सुशांत ने खुदकुशी का फैसला क्यों लिया, इस पर हर कोई स्तब्ध है।
पटना के राजीव नगर में पिता केके सिंह के पास वे 11 मई को गए थे और वहां के एक मंदिर में पूजा अर्चना भी की थी।
ऐसा भी नहीं है कि सुशांत के साथ उनकी किसी को स्टार का नाम नहीं जुड़ा। टीवी सीरियल पवित्र रिश्ता में उनकी को स्टार अंकिता लोखंडे के साथ वे लंबे समय तक लिव इन रिलेशन में रहे। कहा जाता है कि दोनों के बीच बहुत लंबे समय तक रिश्ता रहा। ब्रेकअप के बाद दोनों के रिश्ते भले समाप्त हो गए थे, मगर सुशांत अंकिता को भूल नहीं पाए थे। पिछले कुछ समय से रिया चक्रवर्ती के साथ उनका नाम जोड़ा जा रहा था। इसे संयोग कहें या दुर्योग अभी चार दिन पहले ही उनकी मैनेजर दिशा सालियन ने मालाड में इमारत की चौदहवीं मंजिल से छलांग लगा दी थी। वह अपने मंगेतर मॉडल व एक्टर रोहन राय के साथ उस इमारत में रहती थीं। अब मात्र चार दिन बाद ही सुशांत का इस तरह गले में फंदा लगाकर झूल जाना कई सारे सवाल पैदा करता है? जिस कलाकार से बॉलीवुड के लोग बहुत लंबी पारी खेलने की उम्मीद लगाए बैठे थे, उसका मात्र 34 साल की उम्र में अपने जीवन से मोहभंग कैसे हो गया? ऐसा क्या हो गया जिससे सुशांत को लगा कि उनका जीवन बेकार है? उन्हें ऐसा क्यों लगा कि आखिर वे जिंदा क्यों हैं? क्या वह अपने जीवन में बहुत अकेले हो गए थे? क्या इसी अकेलेपन ने उन्हें अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए मजबूर कर दिया? अब सवाल बहुत होंगे? मगर उनका उत्तर अब उतना ही मुश्किल है, क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत अब हमारे बीच नहीं हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)
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