अगर पत्नी ना होती तो...

हर वो हक़ीक़त शायद मुनकिन न होती, 
अगर पत्नी ने अपनी जिंदगी दी न होती... 

हर वो ख़ुशी शायद अपनी न होती, 
जो पत्नी ने अपनी तक़दीर न दी होती... 

हर वो जंग शायद फ़तेह न होती, 
अगर पत्नी ने हमको हिम्मत न दी होती... 

हर वो जगह शायद जन्नत न होती, 
जो पत्नी ने सदा इत्र सी खुशबू न दी होती... 

हर वो कामयाबी में शायद कायनात न होती, 
जो पत्नी के दिल से अपनी इबादत दी न होती...

हर वो किस्सों में शायद कहानी न होती, 
जो पत्नी ने खुद को भुला के हसीं न दी होती... 

सूरज नांदोला

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