संपूर्ण प्रशासनिक नियमों के अनुसार कुलचंद्र सूरीश्वरजी का प्रवेश

आत्मलक्षी होगा चातुर्मास:-कुलचंद्रसूरी 
जयपुर - जवाहर नगर की धन्य धरा पर श्री गुरुप्रेम के आजीवन- चरणोपासक,कार्य कुशल परम पूज्य आचार्य श्री कुलचंद्र सूरीश्वरजी (K.C.) म.सा.,परम पूज्य पन्यास प्रवर श्री कुलदर्शन विजयजी म.सा., पू.मुनि श्री कुलरक्षीत विजयजी म.सा.आदि ठाणा एवं साध्वी श्री शासनरत्ना श्रीजी म.सा., साध्वी.श्री अक्षयनंदिता श्रीजी म.सा. आदि ठाणा - 6  का चातुर्मास प्रवेश संपूर्ण प्रशासनिक नियमों एवं आदेशों के अनुसार सादगीपूर्ण रुप से संपन्न हुआ.ज्ञात हो गुरुदेव का चातुर्मास नई दिल्ली होना था परंतु कोरोना संक्रमण के चलते  तपागच्छीय प्रवर समिति के आदेशानुसार परम पूज्य तपागच्छाधिपति आचार्य श्री विजय प्रेम सूरीश्वरजी म.सा. के आशीर्वाद से तथा भक्ति सूरीश्वरजी  समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति कल्पज्य सूरीश्वरजी म.सा. की आज्ञा,परम पूज्य ज्योतिषाचार्य हेमचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.की सहमति से गुरुदेव ने चातुर्मास राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर में ही करने की घोषणा की. 
के सी म.सा. ने कहा की यह आत्मलक्षी चातुर्मास होगा.उन्होंने कहा की प्रत्यक्ष आने का भाव अभी ना रखें.मंगलमय चातुर्मास के लिए घर बैठकर ज्यादा से ज्यादा आरधना करें.समयानुसार सारे कार्यक्रमों से सभी को अवगत कराया जायेगा. समस्त जयपुर जैन संघों में चातुर्मास को लेकर हर्ष व्याप्त हैं.
-:चातुर्मास शुभस्थल:-
श्री जैन श्वेतांबर संघ - जवाहर नगर
महावीर साधना केन्द्र, महावीर मार्ग, सेक्टर ४ के बस स्टेन्ड के पास,
जवाहर नगर, जयपुर

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम