रिश्तों की अहमियत

खेल तो बचपन में ही सब सीख जाते है, 
चाल खेलना उम्र भर नहीं भूल पाते है... 


पता नहीं क्यों सब ये भूल जाते है,
खेल खेलने में ही हम रिश्ते हार जाते है... 


सब को पता है दुनिया में रोज़ नये खेल आते है, 
रिश्ते बड़े अनमोल है फिर भी उन्हें ही दाव पर लगाते है.... 


वैसे तो किताबो में लिखा हुआ सब पढ़ पाते है, 
पर अफ़सोस..पढ़ा हुआ हर कोई सीख नहीं पाते है... 


हर रिश्ते पहले पहले बहुत पास आते है, 
जाने क्यों फिर एक दूसरे से उतना ही कतराते है... 


बड़े बुज़ुर्ग जिंदगी भर साथ रहना सिखाते है, 
और आखिर में खुद ही वसीयत में हिस्से लिख जाते है.... 


♦️सूरज नांदोला

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम