लॉकडाउन में सिद्धायतन ने जीवन को दिखाई नई दिशा

डिवाईन लर्निंग सीरीज एवं नॉलेज सीरीज
विकास कासलीवाल /सम्मेद शिखरजी

पिछले कुछ समय से देश और दुनिया में फैले कोविड-19 के कारण भय का माहौल बना हुआ है। लोगों को लम्बे समय से लॉकडाउन से गुजरना पड़ा है। इन कठिन परिस्थितियों में भी आध्यात्मिक आत्मसाधना केंद्र ‘सिद्धायतन’ ने लोगों में सकारात्मकता का संचार किया। इस केंद्र ने वेबिनार के जरिए ‘डिवाइन लर्निंग सीरीज’ एवं ‘नॉलेज सीरीज’ के माध्यम से लोगों का धार्मिक, आध्यात्मिक, मानसिक एवं चारित्रिक विकास किया। इस दौरान हजारों लोगों को प्रतिदिन एक से बढ़कर एक विद्वानों का सानिन्ध्य प्राप्त हुआ, जिन्होंने जीवन जीने की एक नई दिशा दिखाई। इसे प्रतिदिन अपराह्न 03.00 बजे से 04.30 बजे तक आयोजित किया गया।
सिद्धायतन, श्री सम्मेद शिखरजी के संस्थापक ट्रस्टी संतोष सेठी ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि इन विद्धानों ने भक्तामर के विविध पहलुओं से परिचित कराया। इस अवधि में सभी को डॉ. मंजू जैन,जिन्हें हम भक्तामर देवी कह सकते हैं, का सानिध्य प्राप्त हुआ। उन्होंने प्रतिदिन सभी का मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर जाने-माने सिग्नेचर गुरु मानक अग्रवाल ने बताया कि किस प्रकार हमारा सिग्नेचर हमारे मस्तिष्क का दर्पण है। इसी तरह सुपरिचित ज्योतिषी डॉ. चंदा जैन ने भक्तामर, इसके अंकशास्त्र संबंधी महत्व, स्तोत्र के लिए वास्तु की सही दिशा के लिए हमारा मार्गदर्शन किया। इसके अलावा, वेलनेस कोच सोनल जैन जयसवाल ने भक्तामर मंत्रों के द्वारा अपने कर्मों को विघटित, चक्रों को स्वच्छ करने तथा अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने का मार्ग दर्शाया। ऐसे ही हमें स्पिरिचुअल हीलर डॉ. प्रिया जैन ने यंत्र / संकेत / जल / स्वर के प्रति हमारी अवधारणाओं को नई दिशा दिखाई। 
सेठी ने बताया कि इसी क्रम में डॉ.अर्चना विनय जैन, कि जानी-मानी स्पिरिचुअल हीलर हैं, ने श्रद्धा – उच्च चेतना के मार्ग पर अपना गूढ़ वक्तव्य देकर हम सभी का मार्गदर्शन किया। इसी तरह हैप्पनीनेस कोच एवं होलिस्टिक लीडर डॉ. जिनेन्द्र जैन षष्टवाश्यक आरोग्यशाला के माध्यम से अपने शरीर एवं मन को स्वच्छ बनाकर कोरोना से बचने के लिए इम्युनिटी को बढ़ाने का उपाय बताया। इसी तरह डॉ. अनिता आगरकर का भी सानिन्ध्य प्राप्त हुआ, जिन्होंने मंत्रों की शक्ति एवं उनका सही उच्चारण बताया। ऐसे ही, डॉ. अनीश जैन ने ध्वनि कंपन के जरिए स्वास्थ्य लाभ एवं ध्यान के बारे में बताया। इस दौरान डॉ. अमरेश मेहता ने विकास एवं खुशहाली के लिए बिना किसी संरचनात्मक परिवर्तन के दिशा एवं क्षेत्रों के महत्व से हमारा परिचय कराया और डॉ. ऋचा जैन से मिलने का मौका मिला, जिन्होंने णमोकार महामंत्र की महिमा से हमें रूबरू कराया। 
उनके अनुसार, इस सीरीज के दौरान जिगर एच. मेहतलिया ने हमें अपने चैतन्य एवं अचैतन्य मन के परिवर्तन का गुण बताया तथा श्री अजय कुमार जैन ने बताया कि कैसे हम अर्हम ध्यान योग के जरिए अपनी इम्युनिटी बढ़ाएं तथा अपने शरीर एवं मस्तिष्क को सशक्त बनायें। इसके साथ ही डॉ. स्वाति जैन से अपने दैनिक जीवन में कर्म बंध के कारणों एवं उनके निराकरण के बारे में जानकारी मिली। इन सभी विद्वानों ने सिर्फ एक बार ही नहीं, बल्कि कई बार हमसे जुड़कर हमारा मार्गदर्शन किया। भविष्य में भी इनका सानिध्य प्राप्त होता रहेगा। 
सेठी ने आगे बताया कि अब इस वेबिनार सीरीज को अब साप्ताहिक कर दिया गया है। यह प्रत्येक रविवार को इसी समय पर आयोजित होता रहेगा। इससे जुड़कर अपना आध्यात्मिक, धार्मिक, बौधिक, मानसिक विकास किया जा सकता है

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