कल

कल जब मुझे तेरी याद सतायेगी, 
ये ही वो तस्वीर है जो साथ निभायेगी... 

कल जब तुझे मेरी याद आयेगी,
तेरे होठों पर मेरी मुस्कान छा जायेगी... 

कल जब चाँदनी मेरे छत पर ठहरेगी,
ये ही वो शरारत है जो मन ही मन में हसायेगी....

कल जब चाँदनी तेरे छत पर ठहरेगी, 
तेरे दुप्पटे पर मेरी झलकियां नज़र आयेगी.... 

कल जब हम दोनों की कश्ती अलग हो जायेगी,
यही वो कहानी है जिसे सुनकर शाम गुजर जायेगी...

कल जब हम दोनों की कश्ती अलग हो जायेगी,
तेरी किताबों में मेरे प्यार की पत्तियां दब जायेगी.... 

कल जब मुझे तेरी याद सतायेगी...
कल जब तुझे मेरी याद आयेगी... 

सूरज नांदोला

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