यादों के झरोखों से


मेरी बातों को यूँ
नज़र अंदाज़ ना करो,
माना कि, हम आपके करीब नही,
पर साथ निभा ना पाये
इतने भी हम गरीब नही...

मिले तो तुम भी दिल से ही थे,
 यूँ पराया ना करो,
माना की प्यार सिर्फ काफी नहीं,
पर साथ ऊपर ले जा सके ऐसी कोई चीज़ भी बनी नहीं.. ‼️

कभी हम आपके अज़ीज़ थे,
यूँ बुराई ना करो,
माना की झूठ बोलने की फितरत हम में नहीं,
पर बेवफाई कर जाये उतने भी हम खुदगर्ज़ नहीं... ‼️

चलो आखरी मुलाकात है तकल्लूफ ना करो,
माना की उम्र भर हमें रिश्ते रखने की ज़रुरत नहीं,
पर अहसास भी ना याद आये उतने भी हम फिजूल नहीं...

◾सूरज नांदोला

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