सूरत में हाई स्पीड रेल स्टेशन का निरीक्षण और समीक्षा की रेलमंत्री ने

सुरत और नवसारी में कास्टिंग यार्ड का दौरा किया

लॉन्चिंग गैन्ट्री का उपयोग करते हुए पियर्स के ऊपर फुल स्पैन बॉक्स गर्डर के लॉन्चिंग का भी निरीक्षण किया

 


फोटो कैप्शन: पहली तस्वीर में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सूरत में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना का जायजा लेते हुए। दूसरी तस्वीर में वैष्णव  रेल राज्‍य मंत्री दर्शना जरदोश के साथ गर्डर के लॉन्चिंग का निरीक्षण करते हुए। तीसरी फोटो में परियोजना स्थल पर कामगारों के साथ बातचीत करते हुएजबकि चौथी तस्वीर में मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

 सूरत :- केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सूरत हाई स्पीड रेल (HSR) स्टेशन के लिए साइट का दौरा किया और मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। वैष्णव ने सूरत और नवसारी में स्थित कास्टिंग यार्ड का भी दौरा किया और लॉन्चिंग गैन्ट्री का उपयोग करके पियर्स पर फुल स्पैन बॉक्स गर्डर के सेगमेंटल लिफ्टिंग के लॉन्चिंग का निरीक्षण किया। उनके बाद रेल और कपड़ा राज्य मंत्री दर्शना जरदोश तथा पश्चिम रेलवे और नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी  सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार रेल मंत्री वैष्णव ने आगामी सूरत हाई स्पीड रेल (HSR) स्टेशन के लिए साइट का दौरा किया तथा सूरत और नवसारी में कास्टिंग यार्डों का भी निरीक्षण किया। उन्हें परियोजना में किए गए विभिन्न विकासात्‍मक कार्यों और प्रगति के बारे में एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया। तत्पश्चात, रेल मंत्री ने परियोजना स्थलों पर श्रमिकों और कामगारों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने उनके प्रयासों की सराहना की और उन्हें राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। बाद में वैष्णव ने मीडिया के प्रतिनिधियों से बातचीत की और उन्हें बुलेट ट्रेन परियोजना की स्थिति से अवगत कराया। रेल मंत्री ने कहा कि कास्टिंग के लिए इनर केसिंग कास्टिंग के क्षेत्र में तकनीकी जानकारी के विस्‍तृत अध्‍ययन के लिए उन्‍हें विदेश से खरीदा गया था, किन्‍तु अब रेलवे ने इसकी बेहतर एवं उन्‍नत तकनीक देश में ही विकसित कर ली है जिसका उपयोग सूरत में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं और 1 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारतीय रेलवे  प्रधानमंत्री के पूंजी निवेश आधारित ग्रोथ स्‍ट्रेटेजी के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 61 किलोमीटर से अधिक में पीयर्स  का निर्माण किया जा चुका है. साथ ही 160/170 किमी के स्ट्रेच पर एक साथ काम किया जा रहा है। हर महीने नदियों पर पुलों समेत 10 से 12 किलोमीटर से अधिक के पीयर्स का निर्माण किया जा रहा है। शुरुआत में वर्ष 2026 तक सूरत और बिलिमोरा के बीच बुलेट ट्रेन संचालन शुरू करने की योजना है और लक्ष्य तारीख तक पूरा करने के लिए काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि स्टेशन पुनर्विकास कार्य, वंदे भारत ट्रेन, बुलेट ट्रेन और कवच प्रौद्योगिकी जैसी विभिन्न ऐतिहासिक पहल हमारे यात्रियों को उन्नत सेवाएं प्रदान करने और भारतीय रेल को विश्व स्तरीय रेलवे में बदलने के लिए शुरू की जा रही हैं।  

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मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की मुख्य विशेषताएं

-  कॉरिडोर की कुल लंबाई: 508.17 किमी

-  अधिकतम परिचालन गति: 320 किमी/घंटा

-   लिया जाने वाला समय:

o   2.07 घंटे (सीमित स्टॉप)

o   2.58 घंटे (सभी स्टॉप)

- स्टेशनों की कुल संख्या: 12

o   गुजरात: 8

o   महाराष्ट्र: 4

- गुजरात में स्टेशन: वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद/नडियाद, अहमदाबाद और साबरमती

- महाराष्ट्र में स्टेशन: मुंबई (बीकेसी), ठाणे, विरार और बोइसर

-  डिपो की संख्या: 3

o   गुजरात: 2 (सूरत और साबरमती)

o   महाराष्ट्र: 1 (ठाणे)

-   पारिचालनिक नियंत्रण केंद्र: साबरमती

 -     भूमि अधिग्रहण की स्थिति:

§  गुजरात: 98.8% का अधिग्रहण किया जा चुका है।

§  दादरा और नगर हवेली: 100%

§  महाराष्ट्र: पहले से ही अधिग्रहित - 71.5% (निजी-91.7%; सरकारी-92%; वन-शून्य)

 गुजरात राज्य और डीएनएच में परियोजना अद्यतन

• गुजरात तथा दादरा और नगर हवेली में मार्ग के निर्माण अर्थात 352 किलोमीटर के लिए 100% सिविल और ट्रैक संविदाएं भारतीय ठेकेदारों को दी गई हैं।

• गुजरात के 8 जिलों से गुजरने वाले एलाइनमेंट के साथ-साथ पाइल्स, फ़ाउंडेशन, पियर, पियर कैप्‍स, वायडक्ट और स्टेशनों के लिए गर्डरों की कास्टिंग और इरेक्शन का कार्य तेजी से चल रहा है।

• डिजाइन और जीटीआई: 352 किमी में से, विस्तृत भू-तकनीकी जांच (जीटीआई) कार्य (100 मीटर अंतराल) 350 किमी लंबाई में पूरा कर लिया गया है। विस्तृत जीटीआई के आधार पर निर्माण ड्रॉइंग के लिए गुड 200 किमी लंबाई के लिए विकसित किया गया है।

170 किमी में पाइल्स, पाइल कैप्स, ओपन फाउंडेशन, वेल फाउंडेशन, पियर्स, पियर कैप्स का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

• वायाडक्ट - सबस्ट्रक्चर: मई 2022 तक 139.6 किमी पाइलिंग, 72.4 किमी फाउंडेशन और 61.6 किमी पियर्स का कार्य पूरा हो चुका है।

• 81 पाइलिंग रिग लगाए गए हैं। पाइल का निर्माण तय समय से पहले हो रहा है।

• पीयर प्रगति- फरवरी, 2022- 9.5 किमी,  मार्च, 2022- 12.3 किमी, अप्रैल, 2022- 13 किमी, मई, 2022- 11.4 किमी, 31 मई, 2022 तक, 61.6 किमी में पियर्स का निर्माण किया गया है।

• वायाडक्ट - सबस्ट्रक्चर:

Ø  गर्डर कास्टिंग (पूर्ण स्‍पान)- अब तक 76 गर्डर कास्‍ट किए जा चुके हैं और 14 को खड़ा किया जा चुका है और  आगे के लिए गर्डरों की कास्टिंग और इरेक्‍शन का कार्य प्रगति पर है।

Ø  सेग्‍मेंटल गर्डरों की कास्टिंग का कार्य प्रगति पर है और 417 सेग्‍मेंट की कास्ट की गई है।

   विशेष पुल:

Ø राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों, सिंचाई नहरों और रेलवे पर क्रॉसिंग को लॉन्‍ग स्‍पैन स्टील संरचनाओं द्वारा ब्रिज किए जाएंगे। 4 वर्कशॉपों में टेस्‍ट फैब्रिकेशन पूरा कर लिया गया है और वास्तविक फैब्रिकेशन प्रगति पर है।

Ø  नर्मदाताप्तीमाही और साबरमती जैसी महत्वपूर्ण नदियों पर पुलों का कार्य प्रगति पर है। स्थिति निम्‍नानुसार है:

 नर्मदा पुल

22 में से 15 वेल फाउंडेशनों का कार्य प्रगति पर है

माही पुल

सभी 12 वेल फाउंडेशनों का कार्य प्रगति पर है

ताप्ती पुल

13 में से 7 वेल फाउंडेशनों का कार्य प्रगति पर है

साबरमती पुल

भू-तकनीकी कार्य पूर्ण। टेस्‍ट पाइल कार्य प्रगति पर है!

 • स्टेशन और डिपो:

Ø  वापी से साबरमती तक सभी 8 एचएसआर स्टेशनों पर कार्य निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।

Ø  सूरत डिपो - सभी 128 फाउंडेशन पूरे हो चुके हैं

Ø  साबरमती डिपो - 4 फरवरी, 2022 को कार्य अवार्ड गया है। भू-कार्य प्रगति पर है।

Ø  साबरमती में पैसेंजर टर्मिनल हब को एचएसआर, मेट्रो, बीआरटी और भारतीय रेलवे के दो स्टेशनों से एकीकृत करते हुए कार्य अगस्त, 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है।

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