सोहनलाल गांधी ने किया देहदान
अच्छे विचारो के संकलक व विचारवान लेखक थे।
इंदौर :- दिगंबर जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी हसमुख जैन गांधी के पिता सोहनलाल गांधी का 7 जून 22 को निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
मुलतः राजस्थान के कलिंजरा के निवासी स्व.गांधी आध्यात्मिक चिन्तन के साथ अच्छे विचारो के संकलक व विचारवान लेखक थे। सुंदर लेखनी के धनी आपने अनेकों सूक्तियों का संकलन कर रजिस्टरों में लिखे व उन्हें पुस्तक के रूप में प्रिंट भी कराया। इन भावों की परिणति, मधुमक्खी, जीवन दर्शन ,बिखरे मोती ज्ञान गंगा आदि उन्होंने लिखकर अपने प्रिय जनों में बहुत प्रशंसा बटोरी। हमेशा अध्ययन में रत रहकर सकारात्मक चिन्तन के साथ अपनी चौथी पीढ़ी को गोद मे खिलाकर सबको दुलार बटाने वाले गांधी विगत छह दशक पहले अपनी सुंदर लेखनी से रजिस्ट्री लिखते थे जो उनके जमाने का जबरजस्त हुनर था।
अपने परिवार को उन्होंने जो संस्कार प्रदान किये वे अभूतपूर्व है ।उनके जेष्ठ पुत्र हसमुख गांधी देश के शीर्षस्थ समाजसेवीयो में सुमार है वही व्यापार जगत के बड़े व्यवसायी भी है। छोटे पुत्र रजनीकांत गांधी भी समाजसेवा में अच्छा दखल रखते है।
गांधी की पार्थिव देह ,आंखे,चमड़ी को उनकी इच्छा अनुसार अरविंदो मेडिकल कॉलेज को सौप दी गई। हमेशा परोपकारी भावना रखने वाले समाजसेवी की पार्थिव देह भी अनेको विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने का कार्य करेगी।उनके निधन पर इंदौर व देशभर के समाजजनों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की हैं।
गांधी की पार्थिव देह ,आंखे,चमड़ी को उनकी इच्छा अनुसार अरविंदो मेडिकल कॉलेज को सौप दी गई। हमेशा परोपकारी भावना रखने वाले समाजसेवी की पार्थिव देह भी अनेको विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने का कार्य करेगी।उनके निधन पर इंदौर व देशभर के समाजजनों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें