श्री सम्मेद शिखरजी की पवित्रता को बचाने एकजुट हुआ जैन समाज,
दिल्ली के जंतर मंतर पर किया विशाल प्रदर्शन
(Source:- Jain24.com) /आकाश जैन
दिल्ली :- जंतर-मंतर पर विश्व जैन संगठन द्वारा आयोजित विशाल विरोध सभा में संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि झारखण्ड की सबसे ऊँची पहाड़ी गिरिडीह जिले में ‘पारसनाथ’ पर्वत से 24 जैन तीर्थंकरों में से 20 ने मोक्ष प्राप्त किया था! केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018-19 में तत्कालीन रघुबर दास की झारखंड सरकार की अनुसंशा पर बिना जैन समाज की सहमति लिए और अंतिम अधिसूचना से पूर्व लोगो की आपत्ति या सुझाव हेतु कम से कम दो अखवारों में सार्वजानिक रूप से प्रकाशित किये बिना सर्वोच्च जैन तीर्थ को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित करने वाली अधिसूचना को रद्द कर सम्पूर्ण पारसनाथ हिल और मधुबन क्षेत्र को मांस-मदिरा मुक्त पवित्र “जैन तीर्थस्थल” घोषित कराने हेतु संगठन द्वारा 27 जनवरी, 17 मार्च और 26 मई 2022 को केंद्र सरकार और झारखंड सरकार को किये गए निवेदन पर कोई कार्यवाही न किये जाने के विरोध में जैन समाज द्वारा विशाल प्रदर्शन किया गया।
संजय जैन ने घोषणा करते हुए कहा कि 2 अगस्त 2019 को गजट जारी करने के दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा और यदि वन मंत्रालय ने 1 अगस्त 2022 तक गजट रद्द नहीं किया तो 2 अगस्त 2022 को काला दिवस मनाने के साथ आमरण अनशन आरम्भ होगा।
जैन संत प. पू. क्षुल्लक योगभूषण जी महाराज, परम श्रद्धेय विवेक मुनि जी महाराज, प. पू. श्री सौरभ सेन स्वामी जी ने झारखण्ड सरकार से जैन सिद्ध क्षेत्र के वंदना मार्ग पर अनाधिकृत अतिक्रमण से मुक्त करवाने और वन मंत्रालय द्वारा जैन तीर्थ को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित कर क्षेत्र की स्वतंत्र पहचान नष्ट करने वाली अधिसूचना को रद्द करने की मांग की!
संगठन के उपाध्यक्ष व सभा संयोजक यश जैन, संरक्षक राजेश जैन, मंत्री मनीष जैन, महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका रूचि जैन, प्रचार मंत्री प्रदीप जैन, वरिष्ठ सदस्य विपिन जैन और मंच संचालिका नीरू जैन ने कहा कि झारखण्ड सरकार द्वारा धार्मिक तीर्थो की पवित्रता को पर्यावरण पर्यटन के नाम पर प्राइवेट कंपनियों को सौपने का प्रयास स्वीकार नही किया जायेगा!
दिल्ली की प्रमुख जैन संस्थाओं के पदाधिकारी चक्रेश जैन, गजराज गंगवाल, स्वदेश भूषण जैन, मदन लाल जैन, निर्मल जैन, पवन गोधा, विकास जैन, अचल जैन, नीरज जैन, राहुल जैन, वरुण जैन वन अन्य विभिन्न जैन संस्थाओं के पदाधिकारियों व समाज के गणमान्यों ने झारखंड और केंद्र सरकार से गजट रद्द करने, पर्वतराज के वंदना मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कर सामान जांच चेक पोस्ट लगाने और पर्वतराज की पवित्रता के लिए सम्पूर्ण क्षेत्र को मांस-मदिरा मुक्त पवित्र “जैन तीर्थस्थल” अतिशीघ्र घोषित करने की मांग की।
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