चतुर्थ व पंचम पीठिका की साधना के समापन पर अनेक आयोजन
तपागच्छाधिपति का स्मरण करते आंखे हुई नम
नूतन वर्ष का महामांगलिक भव्य रूप से हुआ
नई दिल्ली - पीतमपुरा स्थित गुजरात अपार्टमेंट के मंगल प्रांगण में, तपागच्छाधिपति श्री गुरुप्रेम के आजीवन चरणोपासक परम पूज्य आचार्य श्री विजय कुलचंद्र सूरीश्वरजी (के.सी..) म.सा. की चतुर्थ एवं पंचम पीठिका की साधना का समापन एवं नूतन वर्ष का महामांगलिक हर्षोउल्लास के साथ गुरुभक्तो की उपस्थिति में भव्य रूप से संपन्न हुआ।
आचार्य श्री ने साधना कक्ष से बाहर आने के बाद सभी को मंगल आशीर्वाद दिये, उसके बाद द्वारोद्घाटन व नूतन वर्ष के महामांगलिक का आयोजन हुआ।इस अवसर पर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य · लोक निर्माण विभाग · शक्ति · पानी · इंडस्ट्रीज · शहरी विकास मंत्री सत्येन्द्र जैन विशेष रूप से उपस्थित थे।
गुरुदेव के महीने की पीठिका का संपूर्ण लाभ मातुश्री उषादेवी जैन , परिवार - दिल्ली,गुरुपूजन का लाभ श्रीमती पिंकी बिरजू यादव हस्ते निर्मलाबेन किर्तीभाई गांघी परिवार ने लिया। इस अवसर पर अन्य आयोजन में
1 - 250 ग्राम स्वर्ण से गुरुपूजन
2 - 36 परिवारों द्वारा पू. गुरुदेव श्री को स्वागत..
3 - 5 परिवारों द्वारा पंच परमेष्ठी वर्णमय वस्त्रों को धारण कर गुरुदेव का विशेष स्वागत
4 - 36 विशेष रजतमुद्राओ द्वारा विशेष गुरूपूजन
5 - पूज्य साध्वीजी भगवंतो द्वारा विशेष तपाराधना
6 - 36 विशेष लक्की ड्रा
7 - चातुर्मास परिवर्तन की उद्घोषणा
8 - साधना कक्ष से आगमन तक विशेष प्रवेश
9 - समस्त दिल्ली के अनेकों भाविको का आगमन हुआ।
इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में आचार्य श्री ने हितशिक्षा में बताया कि जीवन में जाप से ही सिद्धी प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि वे तपागच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य गुरुदेव श्री विजय प्रेम सूरीश्वरजी म सा. की जाप परंपरा को में अविरत रखना चाहता हूं।उन्होंने आज के समय में भी जाप से क्या कुछ प्राप्त हो सकता है के बारे में विस्तार से बताया।उन्होंने कहा जीवन मे जाप अवश्य करें। गुरुप्रेम का स्मरण करते करते उनकी आंखे नम हो गई।
कार्यक्रम का आयोजन श्री दिल्ली गुजराती श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ एवं श्री दिल्ली गुजराती कुंथुनाथ ट्रस्ट (सोसायटी) के तत्वावधान में संपन्न हुआ।
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