भारत सरकार द्वारा बिमालकुमार जैन पद्मश्री से सम्मानित

 जिनशासन की शान बढाई बिमलकुमार जैन ने

युथ फोरम करेगा मुंबई आगमन पर सम्मानित

समाजसेवा करनेवालों के लिए गौरव की बात

हजारों दिव्यगजनों की जिंदगी में मुस्कान लानेवाले बिमलकुमार जैन का भारत सरकार द्वारा सम्मान जैन समाज ही नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए गौरव की बात है जो निस्वार्थ भाव से सेवा कार्यों में लगा हैं।निश्चित ही उनके सम्मान से सेवा करनेवालों में नई ऊर्जा का संचार होगा। यह सम्मान खानदान का नही सेवा और योगदान का सम्मान हैं। भारत सरकार का यह प्रयास बहुत ही अभिनंदनीय हैं।

दीपक आर जैन,

(संपादक :- शांति वल्लभ टाइम्स)



नई दिल्ली :-
बिहार के मुंगेर के रहने वाले बिमल कुमार जैन  को समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद  के हाथों पद्मश्री पुरस्कार से सम्माननित  किया गया। मुंगेर के इस लाल को पद्मश्री सम्मान मिलने से जैन समाज व  उनके परिवार में खुशी का माहौल है। साथ ही योग नगरी में भी उत्साह का माहौल है. यह दूसरा मौका है जब मुंगेर से ताल्लुक रखने वाले किसी व्यक्ति को इस सम्मान से सम्मानित किया गया है. इससे पहले बिहार स्कूल ऑफ योगा के निरंजनानंद सरस्वती को योग के क्षेत्र में यह सम्मान हासिल हुआ था.

बिमल जैन को मानवता के सच्चे और निस्वार्थ सेवा के लिए पद्मश्री सम्मान मिला है। उनके कई मित्र आज राजनीति के क्षेत्र में हैं, लेकिन उन्होंने खुद को इससे दूर रखा है और समाजसेवा का रास्ता चुना। फिलहाल वो कृत्रिम पैर से जुड़े एक संगठन प्रकल्प भारत विकास परिषद के महामंत्री के रूप में पटना में भारत विकास परिषद विकलांग अस्पताल चलाते हैं। इसके माध्यम से उन्होंने 35,000 से भी अधिक विकलांगजनों को आर्टिफिशियल सपोर्ट लगाने का कीर्तिमान बनाया है। इसी तरह दधीचि देह दान के माध्यम से दृष्टिहीन दिव्यांगों के जीवन मे फिर से उजाला भर रहे हैं। उनके सबसे छोटे भाई दीपक जैन ने बताया उनको इस सम्मान मिलने के बाद पूरा परिवार के साथ मुंगेर जिला गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

चौंसठ वर्षीय जैन का संबंध यहां के प्रतिष्ठित व्यवसायी घराने जैन परिवार से है। जैन भंवर लाल जैन और सोहनी देवी जैन की तीसरी संतान हैं। उनके माता-पिता मुंगेर में ही रहते हैं जबकि वो फिलहाल राजधानी पटना में रह कर व्यवसाय करते हैं। लेकिन समय-समय पर वो अपने परिवार और मित्रों से मिलने मुंगेर आते रहते हैं। उन्होंने इंटरमीडिएट तक की अपनी पढ़ाई मुंगेर से ही पूरी की है। जिसके बाद वो आगे स्नात्तकोत्तर की पढ़ाई करने पटना चले गए थे. बिमल जैन आपातकाल में छात्र आंदोलन से गहरे जुड़े और लोकनायक जयप्रकाश के प्रिय पात्रों में एक हो गये।

जैन के छोटे भाई जैन कमल भी कला के क्षेत्र में नामचीन व्यक्तित्व हैं। जैन की इस उपलब्धि पर युथ सोशल वेलफेयर एसोसिएशन(युथ फोरम) ने बधाई दी है।फोरम के अध्यक्ष दीपक आर जैन व महासचिव अतुल गोयल ने कहा कि उनके मुंबई आगमन पर उनको सम्मानित किया जाएगा।

 श्री दिगंबर जैन महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ  मणीन्द्र जैन अलका जैन एवं परिवार  के अन्य सदस्यों ने उनका व उनकी पत्नी सरोज व अनंत भूषण का सम्मान किया।


टिप्पणियाँ

  1. प्रिय दीपक जैन जी शांति बल्लभ टाइम्स के एडिटर आपका खूब खूब धन्यवाद आपके लेख से विमल भैया के पूरे व्यक्तित्व को आपने बहुत सुंदर तरीके से लिखकर जिन शासन की व्यक्तित्व को दर्शाया है साथ में मुंगेर के योग आश्रम की की जानकारी भी देख कर लोगों को जानने की उत्सुकता बढ़ाई है हम भंवर लाल जी का पूरा परिवार आपका इस लेख का आभारी है जब भी विमल बाबू भयंदर मुंबई आएंगे हम आपको पिछला करेंगे जिससे हम सभी लोग उनके व्यक्तित्व से प्रभावित हो और हम भी कुछ ऐसा कर पाएं जिससे जिनशासन को समझने की प्रथा सभी लोगों में जा पाए जय जिनेंद्र

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