धर्म की दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए :- आचार्य महाश्रमण
-आचार्यश्री ने जीवन को धर्म की दिशा में आगे बढ़ाने को किया अभिप्रेरित
-कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सहित अन्य ने किए दर्शन, प्राप्त किया आशीर्वाद
भीलवाड़ा (तेरापंथ नगर) :- जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्य श्री महाश्रमणजी का भीलवाड़ा की धरती पर आयोजित प्रथम ऐतिहासिक चातुर्मासकाल अबपूर्णता की ओर है। वीरों की धरती मेवाड़ न जाने कितने ऐतिहासिक गाथाओं को समेटे हुए है और उसमें एक और नई गाथा जुड़ेगी महातपस्वी महाश्रमण के मंगल चातुर्मास की। लगभग दो सप्ताह बाद अहिंसा यात्रा अपने प्रणेता के साथ मानवता का संदेश देते हुए राजस्थान की धरती को पावन बनाने के लिए चल पड़ेगी। जैसे-जैसे भीलवाड़ा चतुर्मास सम्पन्न हो रहा है वैसे-वैसे छापरवासियों को वर्ष 2022 का चातुर्मासकाल अति सन्निकट जान पड़ रहा है।
रविवार को आयोजित मुख्य मंगल प्रवचन कार्यक्रम का शुभारम्भ आचार्यश्री महाश्रमणजी के मंगल महामंत्रोच्चार के साथ प्रारम्भ हुआ। मंत्रोच्चार के बाद उन्होंने कथानक के माध्यम से लोगों को उत्प्रेरित करते हुए कहा कि आदमी चाहे कितना भी धन-दौलत कमा ले, लेकिन मृत्यु के बाद उसके कफन में जब ही नहीं होती तो वह भला उसे अपने साथ कैसे ले जा सकेगा। धन-दौलत को प्राप्त करने का प्रयास तो सभी करते हैं, आदमी को सम्बोधि को भी प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। बीता हुआ कल कभी लौट कर नहीं आता। इसलिए आदमी को जो समय प्राप्त है, उसका सदुपयोग करने का प्रयास करना चाहिए और अपने जीवन को धर्म की दिशा में आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
तेरापंथ धर्मसंघ की असाधारण साध्वीप्रमुखा कनकप्रभाजी ने श्रद्धालुओं को प्रेरक उद्बोधन दिया। उसके उपरान्त आचार्यश्री ने ‘सूयगडो’ आगमाधारित अपने पावन प्रवचन में कहा कि आदमी को सम्बोधि को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। जिसे इस जन्म में नहीं प्राप्त हो सकता, उसे यह अगले जन्म में भी प्राप्त नहीं हो सकता। इसलिए आदमी को सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान और सम्यक् चारित्र को प्राप्त करने व धर्म की दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।
मंगल प्रवचन के पश्चात् आगामी छापर चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों द्वारा पूज्यप्रवर के श्रीचरणों में छापर चातुर्मास-2022 का लोगो लोकार्पित किया गया। छापर चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष माणकचन्द नाहटा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री ने पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए सबसे मैत्री भाव रखने और छापर प्रवास व्यवस्था समिति से जुड़े लोगों को प्रतिदिन नाश्ते से पहले-पहले एक माला ‘परम पूज्य कालूगणी’ का लगभग तेरह महीने तक करने की अभिप्रेरणा प्रदान की। भिक्षु भजन मण्डली-भीलवाड़ा के द्वारा गीत का संगान किया गया।
भीलवाड़ा चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष प्रकाश सुतरिया ने विचाराभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री के दर्शनार्थ उपस्थित हुए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर ने अपने भावोद्गार व्यक्त किए तो आचार्यश्री ने उन्हें पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि राजनीति सेवा का अच्छा क्षेत्र है। राजनीति में सद्भावना, नैतिकता बनी रहे और जनता की अच्छी सेवा का प्रयास हो। साथ ही कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनिल डांगी व महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष रेखा हिरण ने भी आचार्यश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।
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