पाटण में हुआ दो दिवसीय ज्ञानोत्सव का कार्यक्रम

चारित्ररत्न व निपुणरत्न की निश्रा में कार्यक्रम


पाटण :- 
नगर में बिराजमान जैनाचार्य पुण्यसम्राट युगप्रभावक गुरुदेव श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी महाराजा के शिष्य मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजयजी महाराज एवं मुनिराज श्री निपुणरत्न विजयजी महाराज आदि ठाणा 34 की पावन निश्रा में एवं गुजरात के पुर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ओर त्रिस्तुतिक जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वाघजीभाई वोरा की उपस्थिति में त्रिस्तुतिक जैन संघ पाटण की ओर से दो दिवसीय ज्ञानोत्सव का आयोजन संपन्न हुआ। 

ज्ञानोत्सव के दुसरे दिन सुबह में सिद्धहेम व्याकरण ग्रंथ को हाथी पर स्थापित कर  शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा में गुरुदेव श्रीमद् विजय राजेंद्र सूरीश्वरजी महाराजा एवं पुण्यसम्राट युगप्रभावक गुरुदेव श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी महाराजा की तस्वीर को बगी में लेकर बेठने का लाभ पीलुडा (गुजरात) निवासी वाघजीभाई बादरमल परिवार सुरत,डिसा ने लिया। शोभायात्रा प्रमुख मार्गों पर परिभ्रमण कर कार्यक्रम स्थल पर धर्मसभा में परिवर्तित हुई। 

ज्ञानोत्सव के मुख्य कार्यक्रम मे मुनिराज श्री निपुणरत्न विजयजी महाराज आदि ठाणा ने  किये श्री सिद्धहेम व्याकरण सहित संस्कृत प्राकृत भाषा के 45 से से अधिक ग्रंथों की चांदी से ज्ञान पुजा की गई।इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री को सिद्धहेम व्याकरण प्रदान किया गया जिसे लेकर वे गुरुभगवंतों के साथ निश्रा में पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे। कार्यक्रम में मुनि भगवंतो को अध्ययन में सहायक ऐसे ज्ञानदाता पंडित चंद्रकांतभाई संघवी एवं राजुभाई का  संघ की ओर से सम्मान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य लाभार्थी  पंकजभाई ओर महेशभाई का भी सम्मान हुआ।

कार्यक्रम में मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजयजी महाराज एवं मुनिराज श्री निपुण रत्न विजय जी महाराज के प्रवचन ओर दोनों ज्ञानदाता पंडित जी एवं पुर्व मुख्यमंत्री ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का  संचालन प्रथम दिन रमेशभाई दोशी अनोखी सुरत ने एवं ओमप्रकाश आचार्य ने किया। कार्यक्रम को संगीत के स्वरो से मन मधुकर ग्रुप के राजुभाई सोनी सजाया। प्रसंग पर पाटण जैन संघ के सदस्यों सहित भारत के विभिन्न राज्यों के श्रीसंघ एवं गुरु भक्त उपस्थित थे।

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