नारी ने संस्कार एवं संस्कृति का संरक्षण करते हुए दुनिया में अपने विकास का परचम फहराया है :- साध्वी समताप्रभा
केसरिया रंग नई ऊर्जा का संचार करता है :- नीलम सेठिया
भीलवाड़ा (तेरापंथ नगर) :- अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वाधान में महाश्रमण सभागार में तेरापंथ महिला मंडल भीलवाड़ा द्वारा परचम केसरिया शक्ति का कार्यशाला आयोजित की गई। शौर्य वीरता का परिचायक केसरिया रंग नारी जागृति का संदेश देता है। देशभर में तेरापंथ महिला मंडल का केसरिया परिधान पचास वर्ष से एक पहचान ही नहीं, सबके भीतर नई ऊर्जा का संचार भी करता है।
उपरोक्त बात साध्वीश्री समताप्रभाजी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुदेवश्री तुलसी की दूरदर्शिता और गहन सोच ही थी कि घर की चारदीवारी में कैद नारी ने संस्कार एवं संस्कृति का संरक्षण करते हुए आज पूरी दुनिया में अपने विकास का परचम फहराया है। एक गुरु की इंगित एक गुरु की आराधना का साधु संस्था ही नहीं अपितु श्राविका समाज भी अनुसरण करता है इसका उदाहरण है देशभर की शाखा मंडलों में एकरुपता। श्राविका समाज सामाजिकता से ही न जुड़ा रहे अपितु धर्म और अध्यात्म से भी उसका जुड़ाव हो। दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति आत्मा की शक्ति होती है। आत्मशक्ति नही होगी तब तक सारे कार्य बाहरी प्रदर्शन बन कर रह जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे भीतर अध्यात्म की शक्ति का विकास हो बिना अध्यात्म की शक्ति से जो भी कार्य होंगे कुछ समय बाद भुला दिए जाएंगे।अध्यात्म से जुड़ा हर कार्य प्रगतिशील होगा।जरूरत है भीतर में छिपी अनंत शक्ति को हम पहचान कर उसका अच्छे कार्यों में उपयोग करें।अध्यात्म के धरातल पर उतरकर हम गुरुदेव तुलसी और वर्तमान आचार्यश्री महाश्रमणजी के स्वप्नों को साकार कर सकते हैं। तेरापंथ धर्मसंघ की संस्कृति व सभ्यता के प्रति हम सचेत रहे।
साध्वीजी ने कहा किआत्म निरीक्षण करते हुए अपना समय शुभ योग की प्रवृति में व्यतीत करे। तप त्याग और ध्यान से व्यक्ति का व्यक्तित्व निखरता है। केसरिया परिधान आत्मानुशासन की बात सिखाता है। समय की प्रतिबद्धता के साथ हमारा हर कार्य हो।जो मैं हूं मैं वो ना रहूं,बल्कि हमारे भीतर रूपांतरण हो। हम व्यक्ति से जुड़कर नहीं अपितु संस्था से जुड़कर कार्य करे। शक्ति को जानना, जगाना और समझना। सही दिशा में सार्थक प्रयास से शक्ति का परचम फहराना है। ज्ञान, दर्शन, चारित्र और गुरु आराधना में अपनी शक्ति को नियोजित करते हुए हम निरंतर विकासशील बने।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए साध्वीजी ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्षा नीलम सेठिया का 2021-23 के कार्यकाल में नई सोच, नए संकल्पों के साथ प्रवेश एक सशक्त मजबूत संस्था का निर्माण करेगाअपने ऊर्जावान शब्दों में सेठिया ने कहा कि परचम वही फहरा सकता है जो जिसका चिंतन मनन प्रशस्त हो। जीवन और मृत्यु अपने हाथ में नहीं परंतु इसके बीच का समय अपने कर्म और पुरुषार्थ से हम बदल सकते है।तेरापंथ नगर भीलवाड़ा के प्रांगण में केसरिया रंग बिखरे होते है तो हमें गौरव की अनुभूति होती है। गुरुभक्ति, संघ भक्ति और संस्था भक्ति की बात जहां आए वहा हम अनेकांत दृष्टिकोण अपनाएं और किसी भी तरह की टिप्पणी करने से बचे। संकल्प ले हम कि गण की उतरती बात न सुनेंगे न कहेंगे न फैलाएंगे। इस परिधान को पहनते ही हमे ऊर्जा मिलती है हम अनुशासित हो जाते है। गणवेश हमारी मर्यादा तय करता है। संस्था की प्रगतिशीलता के लिए संजोए संकल्प पूरे हो इसके लिए जरूरी है हम भीतर में झांके हमारा हृदय परिवर्तित हो।
उन्होंने कहा कि हर सुधार की शुरुवात घर के भीतर से ,संस्था से करे।आने वाली पीढ़ी के लिए हम सृष्टि को पर्यावरण को बचाए इसके लिए जरूरी है प्लास्टिक का उपयोग कम हो अधिक से अधिक पेड़ लगाए। निर्जरा के दृष्टिकोण से भी हम प्लास्टिक का कम उपयोग करे। ये सब करके हम विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना पाए या नहीं पर योगदान तो दे ही सकते है। अनेक संस्थागत अपेक्षित सुधार जैसे नृत्य निषेध, रात्रि भोजन त्याग,तेरह द्रव्यों की सीमा।आध्यात्मिकता से ओत प्रोत मिशन सफलता के परचम तभी फैला सकते जब हम सब संगठित होकर कार्य करे। अभातेमम का नारी लोक देशभर की शाखाओं को आपस में कनेक्ट करता है।इसकी समीक्षा करे , संशोधन करे,अपनी उर्वरा सोच इसमें लगाए तभी ही हम केसरिया शक्ति का परचम फहरा सकते है।
महासचिव मधु देरासिया ने अपने ओजस्वी सौम्य वक्तव्य में कहा कि केवल परिधान से हम परचम नही फहरा सकते है।हमारा व्यक्तित्व ,व्यवहार ,परिचय केसरिया बने।संस्था का स्वरूप हम सब है हमारा कार्य अच्छा होगा तो संस्था भी विकासमान होगी। पूज्यप्रवर के आशीर्वाद ,दिशा बोध से हम निरंतर आगे विकास करे। हम कोई भी कार्य अपने लिए नहीं अपितु संस्था के लिए करते है। हम सब मिल जुलकर नई सोच नए चिंतन से संस्था को आगे बढ़ाए। देरसिया ने कहा कि घर व समाज की जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाते हुए हमे अपने प्रति और संस्था के प्रति जागरूक रहना है।आध्यात्मिकता हमारी हर गतिविधि में रहे।संस्था के सजग प्रहरी बनकर पूज्य प्रवर के सपने को साकार करें।
भीलवाड़ा महिला मंडल अध्यक्षा मीना बाबेल ने आत्मीय भावों से स्वागत करते हुए कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण जी के विरल विशिष्ट चातुर्मास में भीलवाड़ा महिला मंडल ने सारी व्यवस्थाओं को अच्छे से संपादित किया है।अभातेमम के हर कार्यक्रम को सजगता के साथ पूर्ण करके भीलवाड़ा महिला मंडल ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सशक्त पहचान बनाई है।
कार्यशाला में राष्ट्रीय सहसचिव नीतू ओस्तवाल, परामर्शक लता जैन सहित राष्ट्रीय पदाधिकारी उपस्थित थे। मंडल द्वारा संचालित फिजियोथेरेपी सेंटर के संचालन हेतु डॉ अंकुर मेहता, मेडिकल टीम संयोजक गौतम दुगड़ एवं उनकी टीम एवं प्रायोजक श्रीमती बसंता देवी सुरेंद्र मेहता का सम्मान किया गया।कार्यक्रम की शुरुवात महिला मंडल द्वारा नारी जागरण गीत से हुई।कार्यशाला का संचालन सहसचिव मनाली चोरड़िया और प्रेक्षा मेहता ने किया।आभार सचिव रेणु चोरड़िया व्यक्त किया।
कार्यशाला को सफल बनाने में विजया सुराणा , कुसुम श्रीश्रीमाल का सहयोग रहा।बड़ी संख्या में मंडल के बहनों की उपस्थिति से कार्यशाला सफल रही।यह जानकारी मीडिया प्रभारी नीलम लोढ़ा ने दी।
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